Loading election data...

OMG! कोरोना वायरस के बाद एक नई मुसीबत, पूरे आसमान में रेत ही रेत, बड़े रेतीले तूफान का खतरा

Sahara Desert : कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से पूरी दुनिया पस्त है. इसी बीच एक और तबाही आ रही है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यदि दिन में सूरज की रौशनी चली जाए तो जाहिर सी बात है कि मानव प्रजाती चिंतित होगी ही. दरअसल, कैरेबियाई (Caribbean) देशों में कई दिनों से सूरज ने आंखें फेर ली है. यहां सूर्य का प्रकाश नजर नहीं आ रहा है जिससे लोग परेशान हैं.

By Amitabh Kumar | June 24, 2020 1:36 PM

Sahara Desert : कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से पूरी दुनिया पस्त है. इसी बीच एक और तबाही आ रही है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यदि दिन में सूरज की रौशनी चली जाए तो जाहिर सी बात है कि मानव प्रजाती चिंतित होगी ही. दरअसल, कैरेबियाई (Caribbean) देशों में कई दिनों से सूरज ने आंखें फेर ली है. यहां सूर्य का प्रकाश नजर नहीं आ रहा है जिससे लोग परेशान हैं.

अब खबर आ रही है कि इस तरह का संकट अमेरिका (US) में भी नजर आ सकता है. खबरों की मानें तो सहारा रेगिस्तान (Sahara Desert) से उड़कर आई रेत ने कई देशों के आसमान पर असर दिखाया है जिससे वहां अंधेरा छा गया है. यानी यहां का आसमान पूरी तरह से ढ़क गया है. अब इसके 8000 किलोमीटर दूर अमेरिका के प्यूर्तो रिको और सैन जुआन तक भी पहुंचने की खबर है. ऐसी खबरें हैं कि अभी यह रेत का तूफ़ान हवा के साथ और दूरी तय करेगा. इस रेत के तूफ़ान को ‘सहारन डस्ट’ की संज्ञा दी गयी है जो आम रेत के तूफानों जैसा नहीं होता है.

CNN ने इस रेत के तूफान को लेकर एक खबर प्रकाशित की है. CNN की रिपोर्ट की मानें तो ये रेत के काफी बारीक कण होते हैं, जो कि 3 हज़ार से 7 हज़ार फीट की ऊंचाई पर हवा के साथ-साथ आगे बढ़ते हैं. इस तूफान को यदि आप पहली बार देखेंगे तो बादल की तरह नज़र आएगा, लेकिन असल में यह सहारा रेगिस्तान की धूल है जिससे आसमान ढ़क जाता है और सूर्य की रौशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है.

कैरेबियाई देशों में बीते कई हफ़्तों से इस धूल ने पूरा आसमान ढका लिया है. मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों को अलर्ट रहने को कहा है. उन्होंने कहा है कि कैरेबियाई देशों में स्थिति और भी बिगड़ने के आसार हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ़ प्युर्तो रिको की मौसम विज्ञानी ओल्गा मायोल ने सीएनएन से इस संबंध में बातचीत की है.

Also Read: ‘एक वंश के कुकर्मों के कारण हमने अपनी जमीन का हजारों वर्ग किमी हिस्सा खोया’, कांग्रेस पर हमलावर हुए भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा

बातचीत के दौरान मायोल ने कहा कि ये एतिहासिक क्षण है, जो करीब 50 सालों में एक बार नजर आता है. कैरेबियाई देशों में तो एयर क्वालिटी काफी बुरी स्थिति में पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि इतनी भारी मात्रा में रेत हजारों किलोमीटर का सफ़र तय करके सेन्ट्रल अमेरिका तक पहुंचने वाली है. NERC की मौसम विज्ञानी क्लेयर राइडर की मानें तो आमतौर पर हर साल इस तरह का एक तूफ़ान सहारा के रेगिस्तान में दिखता है जो समुद्र पार करने के दौरान ही बारिश के कारण समाप्त हो जाता है.

Posted By : Amitabh Kumar

Next Article

Exit mobile version