22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रीलंका संकट : ईंधन की कमी से स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद, किसानों के विरोध देख कार्यक्रम छोड़ भागे मंत्री

श्रीलंका की आर्थिक मंदी ने कृषि क्षेत्र पर गंभीर असर डाला है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा अप्रैल 2021 में रासायनिक खादों के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने से श्रीलंका में चावल का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है.

कोलंबो : लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में आम आदमी और सरकार की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. खबर है कि संकट के दौर में श्रीलंका में ईंधन की भारी कमी की वजह से सरकार ने स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को एक सप्ताह तक बंद करने का फैसला किया है. ये स्कूल और सरकारी दफ्तर सोमवार से एक सप्ताह के लिए बंद कर दिए जाएंगे. वहीं, एक खबर यह भी है कि श्रीलंका के दक्षिण प्रांत हंबनटोटा के तिसामहारामा में श्रीलंका के कृषि मंत्री को किसानों के विरोध के बाद एक कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर भागना पड़ा.

ऑनलाइन क्लास लेने का आदेश जारी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संकटग्रस्त श्रीलंका सरकार ने सोमवार से एक सप्ताह के लिए सरकारी दफ्तरों को बंद करने की घोषणा की है, क्योंकि आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश में ईंधन संकट और गहराता जा रहा है. ‘डेली मिरर’ की खबर के अनुसार, बिजली आपूर्ति की समस्या की पृष्ठभूमि में श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय ने कोलंबो शहर के सभी सरकारी और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों से कहा है कि वे अगले सप्ताह से ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करें.

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आएंगे काम पर

देश में मौजूद ईंधन की मात्रा तेजी से कम होने के कारण श्रीलंका पर अपने आयात के लिए विदेशी मुद्रा में भुगतान करने का दबाव है, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था रुक सी गयी है. लोक प्रशासन और आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, ईंधन आपूर्ति की पाबंदियों, खराब सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और निजी वाहनों के उपयोग में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह सर्कुलर सोमवार से न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देता है. सर्कुलर के अनुसार, हालांकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मचारी काम पर जारी रखेंगे.

किसानों के विरोध के बाद कार्यक्रम छोड़ भागे कृषि मंत्री

वहीं, खबर यह भी है कि श्रीलंका के दक्षिणी प्रांत के हंबनटोटा जिले के तिसामहारामा में शनिवार को कृषि संबंधी एक कार्यक्रम में पहुंचे कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा के दौरे का किसानों के एक समूह ने विरोध किया. इन किसानों ने उन पर जमकर तंज कसे. इसके बाद मंत्री को परिसर छोड़कर जाने पर मजबूर होना पड़ा. वेब पोर्टल ‘न्यूजफर्स्ट.एलके’ के मुताबिक, अमरवीरा ने कृषि संबंधी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शनिवार को तिसामहारामा संभागीय सचिवालय का दौरा किया. उनके आगमन पर नाराज स्थानीय लोगों का एक समूह स्थानीय सरकारी निकाय के सामने एकत्र हुआ और विरोध प्रदर्शन किया. समूह में ज्यादातर किसान शामिल थे.

Also Read: श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान, महंगाई हुई बेकाबू, 209 रुपये प्रति लीटर पहुंचा पेट्रोल
लाखों लोग हो सकते हैं भुखमरी के शिकार

श्रीलंका की आर्थिक मंदी ने कृषि क्षेत्र पर गंभीर असर डाला है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा अप्रैल 2021 में रासायनिक खादों के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने से श्रीलंका में चावल का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि इस साल सितंबर तक श्रीलंका की 2.2 करोड़ आबादी में से लगभग 40-50 लाख लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें