वैज्ञानिकों ने दावा : पता चला कि हमारा शरीर कोरोना से कैसे लड़ता है
ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने इस बात की पहचान कर ली है कि मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना का मुकाबला कैसे करती है. यह शोध नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है
ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने इस बात की पहचान कर ली है कि मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना का मुकाबला कैसे करती है. यह शोध नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है. चीन समेत कई देशों में लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने की खबरें आने के बाद शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि आखिर मानव शरीर का सुरक्षा तंत्र इस वायरस से कैसे लड़ता है और कैसे उसे हरा पाता है. प्रोफेसर कैथरीन केडजिएर्स्का के मुताबिक, यह एक बेहद महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि हमें पहली बार शोध से यह पता चल पा रहा है कि हमारा शरीर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कोरोना वायरस से कैसे लड़ता है.
क्या मिला शोध में : शोध में चार प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की पहचान की गयी है, जो कोरोना से लड़ने में सक्षम पायी गयीं. शोधकर्ताओं ने बताया कि जब संक्रमित की स्थिति में सुधार आने लगता है, तो उनके खून के बहाव में कुछ विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं को देखा गया. ये कुछ उसी तरह की वही कोशिकाएं थीं, जो इंफ्लूएंजा के मरीजों में ठीक होने से पहले दिखायी देती हैं.
कैसे मददगार है रिसर्च : स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में हेल्थ साइसेंज के डीन प्रोफेसर ब्रूस थॉम्पसन के मुताबिक, ये शोध वायरस को पहचानने में मदद कर सकता है. प्रोफेसर ब्रूस के मुताबिक, जब आपको यह पता होता है कि विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं कब होंगी, तब यह पता लगाने में आसानी होती है कि आप इस वायरस और उसका काम करने के तरीके की पहचान करने के कितने करीब हैं. ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा इस खोज से कोरोना के लिए वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी आयेगी. जल्द ही लोगों को इलाज मुहैया हो पायेगा.
आगे क्या : प्रोफेसर केडजिएर्स्का का कहना है कि उनकी टीम का अगला कदम यह पता करना होगा कि जिन मामलों में संक्रमण काफी अधिक था उस समय प्रतिरक्षा प्रक्रिया क्यों कमजोर हो गयी या क्यों नाकामयाब रही.