22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सल्वा हुसैन एक ऐसी महिला जिसका दिल शरीर के बाहर धड़कता है, जानें कैसे

ब्रिटेन की सल्वा हुसैन एक ऐसी महिला है जिसका दिल उसकी शरीर में नहीं बल्कि शरीर के बाहर उसके बैग में धड़कता है. जी हां अपने बैग में सल्वा हुसैन हमेशा एक कृत्रिम दिल रखती है. जो उसे जिंदा रखता है. पूर्वी लंदन के एलफोर्ड की रहने वाली सल्वा ब्रिटेन की एकमात्र ऐसी महिला है जिसे कृत्रिम दिल देकर अस्पताल से छुट्टी दी गयी. क्योंकि हर्ट ट्रांसप्लांट के लिए वो फिट नहीं थी.

ब्रिटेन की सल्वा हुसैन एक ऐसी महिला है जिसका दिल उसकी शरीर में नहीं बल्कि शरीर के बाहर उसके बैग में धड़कता है. जी हां अपने बैग में सल्वा हुसैन हमेशा एक कृत्रिम दिल रखती है. जो उसे जिंदा रखता है. पूर्वी लंदन के एलफोर्ड की रहने वाली सल्वा ब्रिटेन की एकमात्र ऐसी महिला है जिसे कृत्रिम दिल देकर अस्पताल से छुट्टी दी गयी. क्योंकि हर्ट ट्रांसप्लांट के लिए वो फिट नहीं थी.

अब जबतक उसे कोई हर्ट डोनर नहीं मिलता है तब तक वो एक सामान्य जिंदगी जी सकती है. 39 वर्षीय सल्वा बताती हैं कि जब उनकी बेटी छह महीने की थी तब उन्हें गंभीर परेशानी होने लगी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी और फिर चेस्ट पेन होने लगा. तब वो बहुत परेशान हो गयी, क्योंकि उन्हें ऐसा एहसास हो रहा था कि कुछ गंभीर समस्या है. तब मुझे बताया गया कि उन्हें हर्ट ट्रांसप्लांट कराना होगा. पर मेरा शरीर उस वक्त इतने बड़े ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं था. इसके बाद डॉक्टर्स ने फैसला किया कि वो मुझे एक कृत्रिम दिल दे देंगे.

Also Read: Coronavirus: रूस की खास डिवाइस से हवा में कोरोना वायरस की होगी पहचान

कृत्रिम दिल को ऐसे बनाया गया है जो उनके शरीर में रक्त के प्रवाह को सामान्य रखता है. इसमें एक मोटर पंप लगा हुआ है जो पतले पाइप में हवा भरता है. इसका वजन 6 किलो 800 ग्राम है. यह पाइप सल्वा के पेट से जुड़े हुए हैं. पेट से होते हुए वह पाइप सल्वा के सीने में लगे प्लास्टिक के दिल तक पहुंचते हैं और हवा भरते हैं. जिससे उनके शरीर में रक्त का प्रवाह होत है. सल्वा हुसैन उन लाखों लोगों में से एक हैं जिन्हें अपने लिए एक हर्ट डोनर का इंतजार है.

अपने अनुभवों को साझा करते हुए सल्वा ने बताया कि जब वो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी तब उन्हें कई चीजों का अहसास हुआ. उस वक्त हम उन बाहरी चीजों को नहीं सोचते हैं जो हमें परेशान करती है. हम देश दुनिया और भौतिक सुख के बारे में नहीं सोचते हैं. मन में सिर्फ यही ख्याल आता है कि क्या जिंदगी खत्म हो जायेगी.

सल्वा जिंदा है और एक सामान्य जिंदगी जी रही है. जबकि अगर भारत की बात करें तो हाल ही में एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मुताबिक देश में हर साल लगभग 22 हजार से अधिक लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. सल्वा हुसैन की यह कहानी ऐसे लोगों को प्रेरणा दे सकती है, अगर आप जीना चाहे तो जिंदगी मुश्किल नहीं होती है.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें