पुतिन को लगा झटका : यूएन में तैनात रूस के राजनियक ने दिया इस्तीफा, यूक्रेन पर सैन्य हमले को बताया शर्मनाक
रूसी राजनयिक बोरिस बोंडारेव ने कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में आक्रामक युद्ध छेड़ने के खिलाफ विदेशी सहयोगियों को पत्र भेजने से पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया है. रूसी मिशन को सोमवार सुबह प्राप्त हुए एक पत्र में बोरिस ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है.
दावोस : यूक्रेन पर रूसी सैनिकों द्वारा करीब तीन महीने से भी अधिक समय किए जा रहे हमलों के बीच व्लादिमीर पुतिन को करारा झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा स्थित कार्यालय में तैनात रूस के वरिष्ठ राजनयिक 41 वर्षीय बोरिस बोंडारेव ने इस्तीफा दे दिया है. वे यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई से नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने अपने पत्र में यूक्रेन पर रूस की ओर से की जा रही सैन्य कार्रवाई को शर्मनाक करार दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में तैनात वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपने इस्तीफे की घोषणा की है. रूसी राजनयिक बोरिस बोंडारेव ने कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में आक्रामक युद्ध छेड़ने के खिलाफ विदेशी सहयोगियों को पत्र भेजने से पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया है. रूसी मिशन को सोमवार सुबह प्राप्त हुए एक पत्र में बोरिस ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है.
रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया शर्मनाक
यूक्रेन पर रूसी हमले की तारीख का जिक्र करते हुए बोरिस ने लिखा कि बतौर राजनयिक मेरे 20 साल लंबे करियर में मैंने विदेश नीति में कई बदलाव देखे, लेकिन मुझे इस साल 24 फरवरी से पहले कभी अपने देश को लेकर इतनी शर्म महसूस नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ शुरू की गई जंग या यूं कहिए कि पूरे पश्चिम के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध न केवल यूक्रेनी लोगों, बल्कि रूस के लोगों के खिलाफ भी एक गंभीर अपराध है.
पुतिन सरकार कर रही असहनीय कार्य
गौरतलब है कि रूस ने इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले की शुरुआत की थी. फोन पर संपर्क करने पर रूसी राजनयिक बोरिस ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने राजदूत गेन्नेडी गैटिलोव को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है. बोरिस ने कहा कि अब मेरी सरकार जो कर रही है, वो असहनीय है. सरकारी कर्मचारी होने के नाते इसे लेकर मेरी भी एक तरह की जवाबदेही होगी और मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के बाद उन्हें अब तक रूसी अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. हालांकि, मिशन के प्रवक्ता से इस बाबत संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.