पाकिस्तान में इमरान खान के आउट होते ही सरकार औंधे मुंह गिर गई. इधर, अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सत्ता से रुखसत हुए इमरान खान को बड़ा संदेश दे दिया है. विश्वास मत की घोषणा के बाद शहबाज ने कहा कि, हम कोई बदले की कार्रवाई या अन्याय नहीं करेंगे. हम बिना वजह किसी को जेल नहीं भेजेंगे. लेकिन, उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि कानून अपना काम जरूर करेगा. शहबाज का ये बयान इमरान के लिए बड़ी चेतावनी मानी जा रही है.
अपने बयान में शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में अब नई सुबह की शुरूआत हो गई है. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान को कायदे आजम का पाकिस्तान बनाएंगे. लाखों लोगों की दुवाएं रंग लाई है. अब नया पाकिस्तान बनेगा. उन्होंने ये कहा कि हम पाकिस्तान को बेहतर बनाना चाहते हैं. हम लोगों के जख्मों पर मरहम लगाना चाहते हैं. हमें बेवजह किसी को जेल नहीं भेजना है. हम किसी के साथ बदला नहीं लेंगे. लेकिन कानून अपना काम करेगा.
इधर, नेशनल असेंबली में बोलते हुए बिलावल भुट्टो इमरान सरकार पर काफी आक्रामक नजर आये. उन्होंने कहा कि अगर इमरान 100, 1000 कोशिशें भी कर लें, तो भी भुट्टो नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि वह बहुमत खो चुके हैं. स्पीकर महोदय, आप उनके जुर्म में शरीक न हों. कप्तान अपना बचाव नहीं कर सकते, वह घर में मौजूद हैं. अगर पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव हुए, तो इमरान हार जायेंगे. इसीलिए वह निष्पक्ष चुनावों से डरते हैं.
गौरतलब है कि शनिवार देर रात इमरान खान सत्ता से बेदखल हो गए हैं. पाकिस्तान के इतिहास में वो पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो गए हैं. जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया गया. क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में नया पाकिस्तान बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फैसला किया था कि हर कोई अवाम के पास चले. फिर से चुनाव कराये जायें, जिसके बाद फैसला हो कि पाकिस्तान की सरकार कौन चलायेगा. लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया.
इमरान खान की अनुपस्थिति के ट्रैक रिकॉर्ड पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तानी स्तंभकार नदीम फारूक पराचा ने ट्वीट किया, बल्लेबाज ने ड्रेसिंग रूम से आखिरी गेंद खेलने का फैसला किया है. कितना बहादुर है. यह इमरान खान के इस बयान के संदर्भ में है कि वह विपक्ष के दबाव में आकर इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक खेलेंगे. इमरान खान अविश्वास मत में अपनी हार को स्वीकार नहीं करेंगे, यह विधानसभा को भंग करने के लिए जोर देने के उनके पहले के कदम से बहुत स्पष्ट हो गया है जिसे अंततः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.