Bangladesh updates: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. शेख हसीना ने कहा है कि मेरे पिता समेत देश के शहीदों का अपमान हुआ है और इसके लिए सरकार आरोपियों को सजा दे. शेख हसीना का बयान उनके बेटे साजिद ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा किया है. शेख हसीना ने बांग्लादेशी लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि इस 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाए. देश में बंगबंधु को फूलों की माला चढ़कर बांग्लादेश के विकास के लिए गंभीरता और गरिमा से की प्रार्थना करें.
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स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए लाखों शहीदों का अपमान हुआ है- हसीना
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हजारों लोगों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोल दिया था और साथ ही बांग्लादेश के संस्थापक और बांग्लादेश के पिता कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को भी ध्वस्त कर दिया था. शेख हसीना ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने जिनका अपमान किया है वह मेरे पिता हैं और उन्हीं के नेतृत्व में बांग्लादेश ने एक आजाद मुल्क के रूप में पहचान हासिल की है. स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए लाखों शहीदों का अपमान हुआ है और अब मैं इस अपमान के लिए देशवासियों से न्याय चाहती हूं.
15 सालों से चल रहा शेख हसीना का लंबा शासन 5 अगस्त को हुआ समाप्त
शेख हसीना ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में चल रहे आंदोलन के बीच कई युवा, महिला और पुलिस कर्मियों की जान गई है. मैं उन सभी के लिए शोक व्यक्त करती हूं और और उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं. बता दें की 15 सालों से चल रहा शेख हसीना का लंबा शासन 5 अगस्त को समाप्त हो गया था और उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. शेख हसीना अभी भारत में हैं.
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