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Shinzo Abe ने जापान की गिरती अर्थव्यवस्था को Abenomics से संभाला, जानिए क्या है आबेनॉमिक्स?

67 साल के शिंजो आबे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े थे. वह साल 2012 से 2020 तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. आबे के कार्यकाल के दौरान जापान की अर्थव्यवस्था गिरती महंगाई दर से परेशान थी. इसी चुनौती से निपटने के लिए आबे खास नीतियां लेकर आये, जिसे बाद में आबेनॉमिक्स कहा गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2022 6:59 AM
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Japan’s Former Prime Minister Shinzo Abe Dead: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया है. शुक्रवार की सुबह जापान के नारा शहर में जब वह लोगों को संबोधित कर रहे थे, हमलावर ने पीछे से गोली चला दी. गंभीर रूप से घायल आबे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है.

आबेनॉमिक्स को दुनियाभर में मिली पहचान

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आबे का हमलावर उनकी आर्थिक नीतियों (Economic Policy) से असंतुष्ट था. 67 साल के शिंजो आबे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े थे. वह साल 2012 से 2020 तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. आबे के कार्यकाल के दौरान जापान की अर्थव्यवस्था गिरती महंगाई दर से परेशान थी. इसी चुनौती से निपटने के लिए आबे खास नीतियां लेकर आये, जिसे बाद में आबेनॉमिक्स कहा गया. यह ऑबेनॉमिक्स चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थितियों का सामना करने के लिए आगे चलकर दुनियाभर में खास तौर पर सराही गई.

आबेनॉमिक्स क्या है?

जापान की अर्थव्यवस्था लगभग दो दशकों से ठहराव की स्थिति से लड़ रही थी. अंग्रेजी में इसे स्टैगनेशन कहते हैं, जो वह स्थिति होती है जब महंगाई दर शून्य से नीचे चली जाती है. इससे आर्थिक विकास पर बुरा असर पड़ता है. इसे कुछ ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपको यह पता चले कि आज किसी प्रोडक्ट की जो भी कीमत है, कल वह और कम हो जाएगी तो जाहिर तौर पर आप अपनी खरीद को आगे के लिए टाल देंगे. ऐसे में कंपनियों को मुनाफे और कारोबार पर इसका बुरा असर पड़ेगा. वजह यह है कि कंपनियों की लागत की तुलना में बिक्री की कीमतें लगातार घटती जाएंगी. इससे अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा. आबेनॉमिक्स के साथ शिंजो आबे ने इन्हीं चुनौतियों से लड़ने की कोशिश की. इसके तहत आबे ने जापान में कई आर्थिक सुधार लागू किये और मांग बढ़ाने पर फोकस किया, ताकि महंगाई दर शून्य से ऊपर लायी जा सके. वहीं, उन्होंने कार्यस्थलों पर ऐसे बदलाव किये थे कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ ऑफिस के कामकाज आसानी से निपटा सकें.

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आबेनॉमिक्स का क्या असर हुआ?

जापान के कैबिनेट ऑफिस नेशनल अकाउंट और फाइनेंशियल इयर 2019 इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में दिये गए आंकड़ों की मानें, तो आबेनॉमिक्स की मदद से जापान की नॉमिनल जीडीपी साल 2012 के 4645 अरब डॉलर से बढ़कर साल 2020 तक 5096 अरब डॉलर तक पहुंच गई. वहीं, इस अवधि के दौरान कॉर्पोरेट प्री-टैक्स प्रॉफिट 748 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. बेरोजगारी दर इस दौरान 4.3 प्रतिशत से घटकर 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गई. वहीं, टैक्स से अर्जित आय 402 अरब डॉल से बढ़कर 550 अरब डॉलर तक पहुंच गया. हालांकि आलोचकों को मानना है कि आबेनॉमिक्स से जापान में कुछ बदलाव देखने को मिले, लेकिन जो मूल कारण थे वे हल नहीं किये जा सके.

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