जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान शुक्रवार को गोली चलायी गयी जिसमें शिंजो आबे बच नहीं सके,उनका निधन हो गया है. गंभीर रूप से घायल शिंजो आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया था लेकिन उस समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और हृदय गति रुक गयी थी. इस बात की जानकारी स्थानीय दमकल विभाग की ओर से दी गयी थी. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा था कि आबे को बचाने का डॉक्टरों ने पूरा प्रयास किया.
स्थानीय दमकल विभाग के अधिकारी मकोतो मोरिमोतो ने बताया था कि आबे को गोली लगने के बाद दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एक प्रांतीय अस्पताल ले जाया गया था. मुख्य कैबिनेट मंत्री हिरोकाजू मात्सुनो ने मीडिया को जानकारी दी कि पुलिस ने नारा में घटनास्थल से एक संदिग्ध शख्स को गिरफ्तार किया है. मात्सुनो ने कहा कि इस तरह का बर्बर कृत्य पूरी तरह अक्षम्य है, चाहे इसकी कुछ भी वजह हो और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
इससे पहले सरकारी प्रसारक ‘एनएचके’ ने घटना का एक फुटेज प्रसारित किया है, जिसमें 67 वर्षीय आबे को सड़क पर गिरते हुए देखा जा सकता है और कई सुरक्षाकर्मी उनकी ओर भागते हुए देखे जा सकते हैं. पश्चिमी नारा में एक मुख्य ट्रेन स्टेशन के बाहर जब आबे ने भाषण देना शुरू किया तो उसके कुछ ही मिनटों बाद उन पर गोली चलायी गयी. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा उत्तरी जापान में यामगाता के अपने चुनाव प्रचार स्थल से एक हेलीकॉप्टर से टोक्यो लौटे. किशिदा और आबे एक ही राजनीतिक दल के हैं. मात्सुनो ने बताया कि सभी कैबिनेट मंत्री अपने प्रचार अभियान को रोककर टोक्यो लौट गये हैं.
एक अन्य वीडियो फुटेज में चुनाव प्रचार अधिकारियों को अपने लोकप्रिय नेता के आसपास इकट्ठा होते देखा जा सकता है. आबे सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में अब भी प्रभावशाली नेता थे और वह उसके सबसे बड़े धड़े सेइवकाई का नेतृत्व करते थे. जापानी संसद के ऊपरी सदन के लिए मतदान रविवार को होना है. आबे भाषण दे रहे थे, जब लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी. गोली लगने के बाद वह जमीन पर गिर पड़े और उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था, उनकी कमीज पर खून लगा हुआ था.
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दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है. जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं. आबे ने 2020 में यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आयी है. उन्होंने वर्षों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किये गये जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी.
भाषा इनपुट के साथ