Explainer: भारत को Bullet Train का तोहफा देने वाले शिंजो आबे की कितनी रही है भारत से नजदीकी, जानिए यहां

साल 2017 के सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने अहमदाबाद में देश के पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. 2006-07 में अपने पहले कार्यकाल में, आबे भारत पहुंचे और संसद में उनका संबोधन हुआ. जानें भारत और जापान की दोस्‍ती में शिंजो आबे की भूमिका क्‍या रही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2022 2:43 PM
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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हमले की खबर जैसे ही शुक्रवार सुबह आयी. पूरी दुनिया में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे लेकर प्रार्थना की जाने लगी. जैसे ही यह खबर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने एक ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मेरे प्रिय मित्र अबे शिंजो पर हुए हमले से बहुत दुखी हूं. हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं. आपको बता दें भारत के साथ जापान की दोस्‍ती बहुत ही गहरी है. खासकर पीएम मोदी और शिंजो आबे के बीच रिश्‍ता दोस्‍ताना है.

ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनें शिंजो आबे

पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की बात करें तो, उनकी गिनती जापान के पहले वैसे प्रधानमंत्री के तौर पर की जाती है जो 2014 में गणतंत्र दिवस के परेड में मुख्‍य अतिथि के तौर पर भारत पहुंचे थे. यह उनके भारत के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है. उनकी मेजबानी एक ऐसी सरकार द्वारा की जा रही थी जो मई 2014 में चुनावों का सामना कर रही थी. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत के साथ अच्‍छे रिश्‍ते चाहते थे. यही वजह रही कि चाहे भारत में यूपीए की सरकार हो या एनडीए की, दोनों में ही जापान के साथ भारत के रिश्‍ते आगे बढ़ते चले गये.

परमाणु समझौते में जापान की भूमिका

बात उस वक्‍त की करें जब पहली बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने के बाद नरेंद्र मोदी जापान गये थे, तब भी भारत-जापान परमाणु समझौता अनिश्चित था. यह दौरा पीएम मोदी के लिए अहम था. जापान ने गैर-परमाणु-प्रसार-संधि सदस्य देशों को अपना रुख स्‍पष्‍ट किया. आबे की सरकार ने जापान में परमाणु विरोधी देशों को 2016 में समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मना लिया. यह समझौता अमेरिका और फ्रांसीसी परमाणु फर्मों के साथ भारत के सौदों के लिए महत्वपूर्ण था.

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बुलेट ट्रेन की बात

साल 2017 के सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उस वक्‍त के जापान के पीएम शिंजो आबे ने अहमदाबाद में देश के पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. इस प्रोजेक्ट की बात करें तो यह करीब 1 लाख करोड़ रुपये का है, बुलेट ट्रेन का यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद से मुंबई तक का है. उस वक्‍त सरकार की ओर से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट को निर्धारित समय से एक साल पहले यानी 2022 में पूरा कर लिया जाएगा.

भारत और शिंजो आबे की नजदीकी

साल 2006 की बात करें तो इस वर्ष लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के आबे को प्रधानमंत्री चुना गया. वो साल 2007 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज रहे. 2006-07 में अपने पहले कार्यकाल में, आबे भारत पहुंचे और संसद में उनका संबोधन हुआ. अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, शिंजो आबे ने तीन बार (जनवरी 2014, दिसंबर 2015, सितंबर 2017) भारत का दौरा किया. ये दौरा किसी भी जापानी प्रधानमंत्री द्वारा किया गया सबसे अधिक भारत का दौरा था. शिंजो आबे के कार्यकाल के दौरान भारत- जापान ना केवल एक दूसरे के नजदीक आए बल्कि दोनों देशों के संबंधों ने कई मुकाम हासिल किये.

भारत सरकार ने पद्म विभूषण से किया सम्‍मानित

2001 में जब “जापान और भारत के बीच वैश्विक साझेदारी” की नींव रखने का काम किया जा रहा था तो दोनों देश वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन पर राजी हुआ. 2005 में सालाना द्विपक्षीय बैठक करने का निर्णय लिया गया. हालांकि, शिंजो आबे की वजह से 2012 के बाद इस प्रक्रिया में तेजी नजर आने लगी. अगस्त 2007 में, जब आबे पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में भारत पहुंचे, तो उन्होंने अब प्रसिद्ध “दो समुद्रों का संगम” भाषण दिया….हिंद-प्रशांत की अपनी अवधारणा की नींव रखी. भारत से हमेशा नजदीकी रिश्ते के हिमायती आबे रहे. उन्हें भारत सरकार ने 2021 में अपने दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित करने का काम किया.

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