नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के विरोध में देश में चल रहे प्रदर्शनों के बीच खालिस्तानी समर्थक आतंकी गुट सिख फॉर जस्टिस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि सिख फॉर जस्टिस संगठन ने संयुक्त राष्ट्र को करीब 10 हजार डॉलर यानी सात लाख रुपये से ज्यादा का चंदा दिया है.
बताया जाता है कि अब खालिस्तानी संगठन भारत में किसानों के प्रदर्शन के दौरान कथित दुर्व्यवहार की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र पर जांच के लिए आयोग बनाने को लेकर दबाव दे रहा है. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के हाईकमिश्नर के प्रवक्ता ने चंदा सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा है कि सिख फॉर जस्टिस से हमें 10 हजार डॉलर का चंदा मिला है. साथ ही कहा कि लोगों या संस्थाओं से मिले चंदे को तब तक अस्वीकार नहीं किया जाता, जब तक कि संयुक्त राष्ट्र उसे प्रतिबंधित नहीं कर देता. मालूम हो कि सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित है.
अमेरिका निवासी गुरपतवंत सिंह पन्नून के मुताबिक, सिख समुदाय ने 13 लाख डॉलर चंदा देने का वादा किया है, ताकि जांच आयोग गठित किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र द्वारा गठित आयोग भारत में किसानों के खिलाफ कथित दुर्व्यवहार, राष्ट्रद्रोह के मामले और हिंसा के आरोपों की जांच करेगा.
हालांकि, गुरपतवंत सिंह ने कहा है कि मेरी जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने अब तक जांच आयोग गठित नहीं की है. हम संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के हाई कमिश्नर कार्यालय के जरिये पूरे मामले को उठा रहे हैं. हालांकि, प्रवक्ता ने कहा है कि सिख फॉर जस्टिस को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है कि अगर कोई गलतफहमी उन्हें है, तो चंदे के 10 हजार डॉलर लौटाये जा सकते हैं.