Singapore कर रहा है विदेशी कर्मचारियों की तलाश, वीजा नियमों में भी बदलाव

सिंगापुर टैलेंटेड कर्मियों की कमी से इन दिनों जूझ रहा है. टेक्निकल फील्ड में कर्मियों की भारी कमी देखी जा रही है. सरकार द्वारा ऐसे कदम उठाए जाने के लिए वीजा नियमों में ढील देने का फैसला किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2022 11:14 PM
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सिंगापुर विदेशी कर्मचारियों को आकर्षित करने और श्रम बाजारों को मजबूती देना चाहता है. इसलिए सिंगापुर की सरकार ने वीजा नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. जनशक्ति मंत्रालय के अनुसार, नए नियम विदेशी कर्मचारियों के आश्रितों को रोजगार की तलाश करने के अलावा 5 साल के वर्क वीजा को सुरक्षित करने के लिए प्रति माह न्यूनतम $ 30,000 ($ 21,431) की छूट देगा. यह जानकारी सोमवार को जनशक्ति मंत्री टैन सी लेंग ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस कर दी.

जनशक्ति मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंगापुर एक ऐसी जगह है जो व्यवसाय और प्रतिभा दोनों निवेश के लिए सुरक्षित और स्थिर जगहों की तलाश कर रहे हैं. इसलिए प्रतिभा के वैश्विक केंद्र के रूप में सिंगापुर की स्थिति को मजबूत करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने का समय आ गया है.

टैन सी लेंग ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के बाद इस तरह के फैसले नवीनतम है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों में इस साल प्रतिभाओं को लुभाने के लिए वेतन वृद्धि देखी गई है, डर है कि वेतन-लागत में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ जाएगी जो 14 साल के उच्च स्तर को छू गई है और केंद्रीय बैंक को मौद्रिक नीति को और सख्त करने के लिए मजबूर करती है.

सिंगापुर टैलेंटेड कर्मियों की कमी से इन दिनों जूझ रहा है. टेक्निकल फील्ड में कर्मियों की भारी कमी देखी जा रही है. सरकार द्वारा ऐसे कदम उठाए जाने के लिए वीजा नियमों में ढील देने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि इस फैसले से हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से बेहतर रोजगार मुहैया कराया जा सकेगा, जिससे ऑस्ट्रेलिया और यूके तक पहुंचने में मदद मिलेगी. जिनके पास समान वैश्विक प्रतिभा वीजा हैं. भर्ती फर्म रॉबर्ट वाल्टर्स के अनुसार, पिछले साल 700 से अधिक वित्त पेशेवर हांगकांग से सिंगापुर चले गए थे.

केंद्रीय बैंक को मजबूत करने में सिंगापुर की सरकार जुटी है. पिछले कई दिनों में सरकार ने आर्थिक नीति बनाने पर जोर दे रही है. सरकार के इस फैसले से सिंगापुर के श्रम बाजारों में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. साथ ही ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे प्रितद्वद्वी देशों के साथ घमासान होने की संभावना है.

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