वॉशिंगटन : भारत में हाई प्रोफाइल हस्तियों की जासूसी करने को लेकर देश-दुनिया में चर्चित पेगासस को स्पाइवेयर फर्म एनएसओ ग्रुप लिमिटेड बंद करने जा रही है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पाइवेयर फर्म एनएसओ पर कर्ज की वजह से डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है. इसलिए, स्पाइवेयर फर्म पेगासस को बेचने या फिर उसे बंद करने का मन बना रही है.
अंग्रेजी के अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया और मिंट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, घोटालों के घनचक्कर में फंसे एनएसओ ग्रुप लिमिटेड इस समय भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है और उस पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में यह स्पाइवेयर फर्म पेगासस को पूरी तरह बेचना चाहती है या फिर उसे बंद करने के विकल्प पर काम कर रही है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पाइवेयर फर्म एनएसओ एनएसओ ग्रुप लिमिटेड पेगासस को बेचने के लिए कई निवेशक फंडों से बात भी कर रही है. इसमें कंपनी को पूरी तरह से बेचने या फिर वित्तीय सहायता देने के मसले पर चर्चा की गई है. स्पाइवेयर फर्म एनएसओ ग्रुप लिमिटेड के करीबी लोगों ने मीडिया को बताया कि कंपनी ने इस बारे में सलाह लेने के लिए मोएलिस एंड कंपनी के कंस्टलटेंटों से भी बात कर रही है.
एनएसओ ग्रुप लिमिटेड के करीबी जानकारों में से एक ने मीडिया को बताया कि एनएसओ ग्रुप लिमिटेड की विवादित इकाई पेगासस को खरीदने के लिए अमेरिका के फंडों ने हामी भरी है. इन दोनों अमेरिकी फंडों ने पेगासस को अपने नियंत्रण में करने और फिर उसे बंद करने के मसले पर स्पाइवेयर फर्म से बात की है. इसके साथ ही, इन दोनों अमेरिकी फंडों ने पेगासस की गुप्त सूचनाओं को सुरक्षित करने और इजराइली ड्रोन तकनीक को विकसित करने के लिए 200 मिलियन डॉलर के निवेश को लेकर भी बातचीत की गई है.
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उधर, भारत में कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व वाली संसदीय समिति ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के टॉप अधिकारियों से पेगासस मामले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर खाते के हैक होने को लेकर पूछताछ की. अधिकारियों ने डिजिटल क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सामाजिक और ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष बयान दिए.