Sri Lanka Crisis: सबसे बदतर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की स्थिति गंभीर होती जा रही है. बता दें कि श्रीलंका फिलहाल गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण गंभीर संकट जूझ रहा है और सरकार आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं है. इतना ही नहीं, आर्थिक संकट के कारण खाद्य सामग्री, दवाओं, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर की भारी किल्लत हो गई है. वहीं, लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इस बीच, श्रीलंकाई ऊर्जा और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा है कि हमने विभिन्न देशों से फ्यूल के लिए अनुरोध किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि कोई भी देश जो हमारी मदद के लिए आता है, तो हम उसकी सराहना करते हैं. अभी तक भारत ही एकमात्र देश है जो मदद के लिए आगे आया है. संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कंचना विजेसेकेरा ने फ्यूल खरीदने के लिए एक क्रेडिट लाइन देने के लिए भारत सरकार की सराहना की, क्योंकि आर्थिक संकट 2 करोड़ से अधिक श्रीलंकाई लोगों को प्रभावित कर रहा है. श्रीलंकाई ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि हम रूसी सरकार के साथ भी चर्चा कर रहे हैं. शुरुआती बैठकें रूस में हुई हैं. हमने अपनी जरूरतें बता दी हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि श्रीलंका को किस तरह की सुविधा दी जाएगी.
कंचना विजेसेकारा ने आज नेशनल फ्यूल पास योजना के नाम से एक ईंधन राशनिंग योजना शुरू की. नया पास साप्ताहिक आधार पर ईंधन कोटे के आवंटन की गारंटी देगा. वाहन पहचान संख्या और अन्य विवरण सत्यापित होने के बाद प्रत्येक राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या (NIC) के लिए एक क्यूआर कोड दिया जाएगा. पंजीकृत वाहनों वाले लोगों को उनकी पंजीकरण संख्या के अंतिम अंक के आधार पर उनकी बारी से ईंधन दिया जाएगा. मौजूदा फ्यूल संकट के बीच कोलंबो में पर्यटकों और विदेशियों को ईंधन लेने को प्राथमिकता दी जाएगी.
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