श्रीलंका की बड़ी आबादी खा रही कम खाना, खाद्य मुद्रास्फीति 80 फीसदी से अधिक, लाखों लोग भूख से बेहाल
Sri lanka crisis: विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक अब्दुर रहीम सिद्दीकी का कहना है कि आर्थिक रूप से बदहाल श्रीलंका में खाने पीने के सामानों की इतनी किल्लत है कि लोग मुकाबला तंत्र अपना रहे हैं. बता दें, श्रीलंका हाल के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
Sri lanka crisis: श्रीलंका की आर्थिक हालत बद से बदतर हो गई है. देश में इस कदर आर्थिक संकट छाया हुआ है कि हर ओर हाहाकार मचा हुआ है. देश में खाने-पीने के सामान के भाव आसमान छू रहे हैं. इसी कड़ी में विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक अब्दुर रहीम सिद्दीकी ने कहा है कि श्रीलंका हाल के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि जून तक, खाद्य मुद्रास्फीति 80 फीसदी से अधिक है. उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले समय में इसकी संभावना ज्यादा है कि स्थिति और बिगड़ेगी.
Colombo | Sri Lanka is facing its worst economic crisis in recent history. As of June, food inflation is over 80% & trend likely to rise in coming months. One-fourth of the population is adopting food-based coping mechanisms: Abdur Rahim Siddiqui, Director, World Food Programme pic.twitter.com/LKNp7nkmK5
— ANI (@ANI) July 23, 2022
एक चौथाई आबादी अपना रही खाद्य-आधारित मुकाबला तंत्र: अब्दुर रहीम सिद्दीकी का कहना है कि आर्थिक रूप से बदहाल श्रीलंका में खाने पीने के सामानों की इतनी किल्लत है कि लोग मुकाबला तंत्र अपना रहे हैं. इसका मतलब है कि वो सामान्य से कम खा रहे हैं या वो युवाओं और अपने से छोटे सदस्यों को ज्यादा वरीयता दे रहे हैं. गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण 50 लाख से ज्यादा लोगों में खाद्य संकट गहरा रहा है.
श्रीलंका संकट का जल्द समाधान निकालना होगा- संयुक्त राज्य: इधर, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि श्रीलंका की बदहाल आर्थिक स्थिति की ओर दुनिया के देशों को तुरंत ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा है कि न केवल मानवीय एजेंसियों बल्कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और अन्य देशों को भी संकट से जूझ रहे इस देश की मदद के लिए आगे आना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने श्रीलंका में आसमान छूती मुद्रास्फीति, जिसों की ऊंची कीमतें, ऊर्जा की कमी, बढ़ते ईंधन संकट और बदहाल आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जताई है.
गौरतलब है कि आर्थिक संकट से दो-चार हो रहे श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह खत्म हो गया है. हालात ये हैं कि, श्रीलंका ईंधन, खाद्य और अन्य जरूरी वस्तुओं की भारी कमी का सामना कर रहा है. एक बड़ी आबादी कम खाना खा रही है. वहीं, ईंधन की भारी कमी के कारण पेट्रोल पंप पर लंबी लाइन लग रही है.
भाषा इनपुट के साथ