Sri Lanka Economic Crisis: मोहलत मिलने पर भी श्रीलंका ने नहीं चुकाया कर्ज, बना डिफॉल्टर
आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका को 30 दिनों की मोहलत मिली थी, जिसके बदा भी श्रीलंका ने 7 करोड़ 80 लाख डॉलर नहीं चुका सका. इस मामले में श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि जब तक कर्ज को रिस्ट्रक्चर नहीं कर लिया जाता तब तक श्रीलंका किसी देश का कर्ज नहीं चुका सकता है.
श्रीलंका (Sri Lanka) ने दूसरे देशों का कर्ज चुकाने में असमर्थता जाहिर की है. आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) से जूझ रहा श्रीलंका को 30 दिनों की मोहलत मिली थी, जिसके बदा भी श्रीलंका ने 7 करोड़ 80 लाख डॉलर नहीं चुका सका. इस मामले में श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि जब तक कर्ज को रिस्ट्रक्चर नहीं कर लिया जाता तब तक श्रीलंका किसी देश का कर्ज नहीं चुका सकता है.
गवर्नर ने देश की स्थिति को प्रीएम्टिव डिफॉल्ट बताया
बीबीसी वर्ल्ड ने अपने एक रिपोर्ट में श्रीलंका के आर्थिक संकट और विदेशी कर्ज को लेकर श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर पी नंदलाल वीरसिंघे से बात किया. उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में पहले ही लोगों से कहा था कि जब तक कर्ज को रिस्ट्रक्चर नहीं कर लिया जाता तब तक हम किसी भी देश को भुगतान नहीं कर पाएंगे, तो आप ऐसी स्थिति को प्रीएम्प्टिव डिफॉल्ट कह सकते हैं.
क्या होता है देश का दिवालिया होना
जब देश अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लिया हुआ पैसा या फिर उसकी किस्त को समय पर नहीं चुका पाता है तो उसे दिवालिया घोषित किया जाता है. बता दें कि, इससे देश पर उसकी मुद्रा और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद नुकसान देह है. दिवालिया होने के बाद दोश को अंतरराष्ट्रीय बाजार से पैसा लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे देश की छवि को भी गहरा नुकसान पहुचांती है.
इस कारण से श्रीलंका हुआ दिवालिया
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर काफी निर्भर थी, कोरोना के कारण पर्यटकों की कमी के बुरा असर हुआ, भ्रष्टाचार पर सरकार ने लगाम नहीं लगाई, अनाज उत्पादन घटने से महंगाई बढ़ गया, पर्यटकों और उत्पादन की कमी से विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया, नाराज जनता को लुभाने के लिए फ्री की स्कीम ने दिवालिया कर दिया.