Sri Lanka News: श्रीलंका ने आगामी चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बढ़ाई सुरक्षा
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा इस महीने के अंत तक की जाएगी. 13 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चुनावी रैली में गोलियों से हमले के बाद अब श्रीलंका ने भी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए चिंता जताई है. श्रीलंका के राष्ट्रपति ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों के लिए सुरक्षा समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया है
Sri Lanka News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एवं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर 13 जुलाई को उनकी एक चुनावी रैली में जानलेवा हमला हुआ. हमलावर ने डोनाल्ड ट्रंप पर 200 मीटर दूर से गोलियां चलाई जो डोनाल्ड ट्रंप के कान को छूते हुए निकल गई. चुनावी उम्मीद्वार पर जानलेवा हमले ने अब श्रीलंका की भी चिंता बढ़ा दी है. इस महीने के अंत तक श्रीलंका में बहुप्रतिक्षित राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी. ऐसे में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने चुनाव में उम्मीदवारों की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए बुधवार को एक समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया है.
यह भी पढ़ें Jitan Sahani Murder : मुकेश सहनी के पिता की हत्या का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, बताई हत्या की वजह
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संचालित श्रीलंकाई सुरक्षा समिति
श्रीलंका के इस सुरक्षा समिति की अध्यक्षता लोक सुरक्षा मंत्रालय के सचिव करेंगे. इसमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष, पुलिस महानिरीक्षक, राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस उपमहानिरीक्षक भी शामिल होंगे. श्रीलंका के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा पेश किया गया कैबिनेट का यह प्रस्ताव उम्मीदवारों की सुरक्षा करेगा. इस प्रस्ताव का उद्देश्य चुनाव में उम्मीदवारों की किसी भी तरह की सुरक्षा में चूक ना हो या सुनिश्चित करना है. राष्ट्रपति ने कहा है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों के व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करना अति आवश्यक है.
पहले भी हो चुके हैं जानलेवा हमले
श्रीलंका में 1994 के चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की हत्या की गई थी और 5 साल बाद राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा एक आत्मघाती बम हमले में बाल बाल बची थीं. कुमारतुंगा ने हमले में अपनी एक आंख की रोशनी गवा दी थी. श्रीलंका में हुए इन दोनों हमलों के लिए तमिल अलगाववादी संगठन लिट्टे को जिम्मेदार ठहराया गया था. जहां श्रीलंका में पहले भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की जान लेने की कोशिश की गई है ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए समिति होना अति आवश्यक है.