Sri Lanka Crisis: अपने देश की जनता को मझधार में छोड़कर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) मालदीव के रास्ते सिंगापुर पहुंच गये हैं. श्रीलंका के समाचार पत्र ‘डेली मिरर’ ने एक फोटो ट्वीट करके इसकी पुष्टि की है. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है. इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे नहीं मालूम कि श्रीलंका के राष्ट्रपति कहां हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उन्हें मीडिया से पता चला है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति सिंगापुर में हैं.
अरिंदम बागची ने कहा कि आपने हमारे हाई कमीशन की ओर से दिये गये बयान को सुना होगा. गोटाबाया राजपक्षे के श्रीलंका से किसी और देश में जाने में हमारी कोई भूमिका नहीं है. मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि इस बात का अनुमान लगा सकूं कि वे कहां हैं. मैंने मीडिया रिपोर्ट्स में देखा है कि इस वक्त वह सिंगापुर में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहेंगे. उनकी आकांक्षाओं के साथ खड़े रहेंगे. लेकिन, लोकतांत्रिक तरीके से, संविधान के दायरे में रहकर.
You'd have seen comments that our High Commission made.We've categorically denied having any role or facilitating his(Gotabaya Rajapaksa)departure or his travel from Sri Lanka. I'm not in a position to guess where's he.I've seen media reports right now that he's in Singapore: MEA pic.twitter.com/JvzZMZwuAj
— ANI (@ANI) July 14, 2022
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सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सिंगापुर पहुंचने की पुष्टि की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वह व्यक्तिगत यात्रा पर सिंगापुर आये हैं. उन्होंने न तो यहां शरण मांगी है, न ही सिंगापुर की सरकार ने उन्हें शरण दी है. दूसरी तरफ, डेली मिरर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है और कहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपनी पत्नी आईओमा को सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट पर टर्मिनल 03 में देखा गया. यह तस्वीर किसी यात्री ने खींची है.
Singapore foreign ministry on Sri Lanka's Rajapaksa-He entered on private visit, he has not asked for asylum and neither has he been granted asylum, reports Reuters.
— ANI (@ANI) July 14, 2022
इस बीच, श्रीलंका की सेना और पुलिस ने मिलकर कोलंबो स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय को खाली करवा लिया है. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर कर दिया गया है. हालांकि, एक प्रदर्शनकारी दानिश अली ने कहा कि हमने भवनों को खाली कर दिया है, लेकिन राष्ट्रपति सचिवालय में हमारे लोग रहेंगे. हम यह बताना चाहते हैं कि हम सक्षम हैं. यदि हम अभी इस जगह को खाली कर रहे हैं, तो अगले क्षण हम फिर यहां लौट भी सकते हैं.