Sriram Krishnan : यूं ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने श्रीराम कृष्णन को बनाया AI सीनियर पॉलिसी एडवाइजर, जानें ये खास बात
Sriram Krishnan : श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस का एआई ( AI ) सीनियर पॉलिसी एडवाइजर बनाने की घोषणा नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है. श्रीराम कृष्णन के बारे में खास बातें जानें यहां.
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Sriram Krishnan : एलन मस्क के सहयोगी और माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व कर्मचारी श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस का एआई ( AI ) सीनियर पॉलिसी एडवाइजर बनाने की घोषणा की गई है. इस संबंध में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी दी. ट्रुथ सोशल प्लेटफार्म पर ट्रंप ने एक पोस्ट शेयर किया और कहा, ” कृष्णन एआई अमेरिकी लीडरशिप को नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से आगे ले जाने के काम पर फोकस करेंगे. खबर में नीचे हम आपको कृष्णन के द्वारा किए गए कुछ खास काम के बारे में बताएंगे. इससे पहले नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उनका रिएक्शन क्या रहा? जानें
श्रीराम कृष्णन ने डोनाल्ड ट्रंप को कहा- थैंक्स
श्रीराम कृष्णन भारतीय मूल के एंटरप्रेन्योर हैं. माइक्रोसॉफ्ट में विंडोज एज़्योर के संस्थापक सदस्य के रूप में भी वे काम कर चुके हैं. टेक्नोलॉजी और पॉलिसी के क्षेत्र में वे डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करेंगे. डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद भारत के चेन्नई में जन्मे कृष्णन ने उनको थैंक्स कहा है. कृष्णन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने कहा,” मैं अपने देश की सेवा करने को तत्पर हूं. डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करने का अवसर देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को थैंक्स कहना चाहता हूं.
श्रीराम कृष्णन ने माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, ट्विटर पर खास काम किया
कृष्णन का माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, ट्विटर और स्नैप सहित प्रमुख टक्नोनॉजी में अपना हुनर दिखा चुके हैं. उन्होंने फेसबुक ऑडियंस नेटवर्क बनाया, जो Google की एड टेक्नोलॉजी से संबंधित है. ट्विटर पर, उन्होंने मेजर प्रोडक्ड इन्वेंशन को लेकर काम किया. 2021 में, वेब3 और एआई जैसी नई टेक्नोलॉजी पर उन्होंने फोकस किया. 2022 में, कृष्णन ने एलन मस्क के साथ मिलकर ट्विटर के बदलाव पर काम किया, जिसके बाद मस्क ने इस प्लेटफॉर्म को खरीद लिया.
श्रीराम कृष्णन कौन हैं?
श्रीराम कृष्णन का जन्म भारत के चेन्नई में हुआ. उनका परिवार मीडिल क्लास फैमिली में आता है. छह फुट छह इंच लंबे कृष्णन का टेक्नोलॉजी से शुरू से जुड़ाव रहा है. उनका यह जुनून 1990 के दशक के आखिर में शुरू हुआ, जब उन्होंने इंटरनेट एक्सेस न होने के बावजूद कोडिंग करना सीखा. अन्ना यूर्निवसिटीके एसआरएम इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने इंनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल की. 2005 में उनका ग्रेजुएशन हुआ.
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