St Martin Island : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के नेता मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की. इसकी तस्वीर सामने आई है. यह तस्वीर देश की निरंकुश सरकार को उखाड़ फेंकने वाले विद्रोह के बाद समर्थन प्रदर्शित कर रहा है. 84 वर्षीय अर्थशास्त्री को अगस्त में देश का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था, जब छात्र नेतृत्व वाले खूनी आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटा दिया गया था. तब से हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं और भारत में रह रहीं हैं.
व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि जो बाइडेन ने बांग्लादेश द्वारा अपने नए सुधार एजेंडे को लागू करने में अमेरिका के निरंतर समर्थन की पेशकश की. अमेरिका-बांग्लादेश संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं. बांग्लादेशी अधिकारियों की ओर से कहा गया कि मुहम्मद यूनुस ने जो बाइडेन को बताया कि किस प्रकार छात्रों ने पिछली सरकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई. बांग्लादेश के पुनर्निर्माण के लिए अपने लोगों ने जान गंवाई. उनकी अंतरिम सरकार को राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए अमेरिकी मदद की आवश्यकता होगी.
सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका को देंगे मुहम्मद यूनुस
जो बाइडेन और मुहम्मद यूनुस की मुलाकात के बाद कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में उठ रहे हैं और शेख हसीना की पुरानी बात याद आ रही है. उन्होंने कहा था कि मैं सत्ता में बनी रह सकती थी. ऐसा तब होता जब सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका के सामने रख देती. मेरे ऐसा करने के बाद अमेरिका को बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व जमाने में मदद मिल जाती.
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सेंट मार्टिन द्वीप क्यों चाहता है अमेरिका
शेख हसीना के दावे के बाद से बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्वी भाग में केवल तीन किमी वर्ग क्षेत्रफल में फैले सेंट मार्टिन द्वीप की चर्चा तेजी से होने लगी थी. दावे के अनुसार, अमेरिका इस द्वीप पर इसलिए कब्जा चाहता है ताकि हिंद महासागर में वह अपना प्रभुत्व स्थापित करने में कामयाब हो सके. हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की मौजूदगी बढ़ रही है जिसकी वजह से अमेरिका टेंशन में है.