न्यूयॉर्क : अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने का दावा किया है. कंपनी ने कहा कि लोगों में टीके के शुरुआती परीक्षण के परिणाम आशाजनक रहे हैं. लोगों में परखा जाने वाला पहला कोरोना टीका सुरक्षित प्रतीत होता है. परीक्षण परिणाम आठ स्वस्थ स्वयंसेवियों पर आधारित हैं, जिनमें से प्रत्येक को टीके की दो-दो खुराक दी गयीं. परीक्षण मार्च से शुरू हुआ.
कंपनी ने कहा कि जिन लोगों को खुराक दी गयीं, उनके शरीर में एंटीबॉडीज बनीं. उनका जब प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया, तो वे विषाणु को प्रतिकृति बनाने से रोकने में सक्षम थीं. इसके बाद इन तथाकथित एंटीबॉडीज के स्तर का मिलान उन लोगों की एंटीबॉडीज के स्तर से किया गया, जो कोरोना की चपेट में आने के बाद ठीक हुए थे.
मॉडर्ना ने कहा कि वह परीक्षण के दूसरे चरण में 600 लोगों को शामिल करेगी जो जल्द शुरू होगा. परीक्षण का तीसरा चरण जुलाई में शुरू होगा, जिसमें हजारों लोगों को शामिल किया जायेगा. एफडीए ने ‘मॉडर्ना’ को परीक्षण के दूसरे चरण पर आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है.बांग्लादेशी डॉक्टरों का कोरोना की दवा खोजने का दावाढाका. बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने कोविड-19 की दवा बनाने का दावा किया है.
उनका दावा है कि टीम ने दो ड्रग को मिला कर ऐसा एंटीडॉट तैयार किया है, जिसके परिणाम मरीजों पर चौकाने वाले मिले हैं. शोधकर्ता और बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड प्रो मोहम्मद तारिक आलम का कहना है कि हमने कोरोना के 60 मरीजों पर दवा का इस्तेमाल किया है और परिणाम काफी सकारात्मक मिले हैं.
उनका कहना कि है जानवरों में परजीवी-कीड़े मारने वाली दवा आइवरमेक्टिन के सिंगल डोज के साथ एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन को मिलाकर एंटीडोट तैयार किया गया. मेरी टीम कोरोना के मरीजों को यही दोनों ड्रग दे रही है. ज्यादातर ऐसे मरीज थे, जो सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहे थे और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी.