China Surveillance Balloon: बीते दिनों अमेरिका के ऊपर चीनी गुब्बारे को मंडराता हुआ देखा गया था, इस गुब्बारे को बाद में अमेरिका ने मार गिराया था और इसे एक जासूसी करने वाला गुब्बारा बताया था. अमेरिका के इस बयान का चीन ने खंडन किया था और कहा था कि, यह एक जासूसी करने वाला गुब्बारा नहीं है बल्कि मौसम की जानकारी देने वाला गुब्बारा है. आगे बताते हुए चीन ने कहा था कि- यह गुब्बारा तेज हवाओं की वजह से अपना रस्ता भटक गया था और अमेरिका पहुंच गया था.
चीन ने आज अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में उसके संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी जल सीमा में मार गिराए जाने के बाद बीजिंग की आलोचना करने के लिए पारित प्रस्ताव को खारिज करते हुए उसे ‘‘विशुद्ध रूप से राजनीतिक हथकंडा और हौव्वा खड़ा करने वाला’’ करार दिया. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दैनिक प्रेस वार्ता में कहा- चीन इससे पूरी तरह से असंतुष्ट है और इसका सख्ती से विरोध करता है. माओ ने कहा- अमेरिकी कांग्रेस का प्रस्ताव पूरी तरह से राजनीतिक हथकंडा और हौव्वा खड़ा करने वाला है.
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उल्लेखनीय है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने कल आम सहमति से प्रस्ताव किया जिसमें चीन की ‘‘अमेरिका की संप्रभुता के उल्लंघन’’ और खुफिया जानकारी एकत्र करने की कोशिशों को लेकर अपने झूठे दावों के जरिये दुनिया को धोखा देने’’ की निंदा की. रिपब्लिकन सांसदों ने यथाशीघ्र गुब्बारे को मार गिराने में कथित देरी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की आलोचना की लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में सभी एकजुट रहे और शून्य के मुकाबले 419 मतों से चीन की आलोचना करने वाले प्रस्ताव को पारित कर दिया.
चीन जोर दे रहा है कि गुब्बारा असैन्य था और मौसम संबंधी जानकारी जुटाना मकसद था जो अपने रास्ते से भटक गया था लेकिन यह नहीं बता रहा कि गुब्बारा किसका था और विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर रहा है. इस बीच, चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन की वार्ता की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि अमेरिका ने वार्ता और आदान प्रदान के लिए ‘‘उचित महौल नहीं बनाया.
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मंत्रालय के प्रवक्ता तान केफेई ने कहा कि- अमेरिका की ‘‘ गंभीर कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कायदों का घोर उल्लंघन है और इसने अहितकर नजीर पेश की है. तान ने कहा, ‘‘अमेरिका के इस गैर जिम्मेदाराना और गलत रुख ने दोनों सेनाओं के बीच संवाद के लिए उचित माहौल नहीं बनाया है, इसलिए चीन अमेरिका के दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि ‘‘ऐसी स्थिति से निपटने के लिए चीन के पास जवाबी कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित है. (भाषा इनपुट के साथ)