तालिबान का बड़ा बयान, कहा- कोई सबूत नहीं कि 9/11 हमले में ओसामा बिन लादेन का था हाथ

इस बात का कोई सबूत नहीं कि ओसामा बिन लादेन 9/11 के हमले में शामिल था. जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि, अमेरिका के 20 साल के युद्ध के बाद भी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि जिससे साबित हो कि अमेरिका के ट्रेड टावर पर हुए हमलों में ओसामा बिन लादेन का कोई हाथ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2021 11:41 AM
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ओसामा बिन लादेन अमेरिका में हुए 9/11 के हमले का दोषी नहीं है. न ही वो उस हमले में शामिल था. ये कहना है तालिबान का. दरअसल, तालिबान के जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एनबीसी समाचार से कहा है कि, इस बात का कोई सबूत नहीं कि ओसामा बिन लादेन 9/11 के हमले में शामिल था. जबीहुल्लाह मुजाहिद ने यह भी कहा है कि, अमेरिका के 20 साल के युद्ध के बाद भी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि जिससे साबित हो कि अमेरिका के ट्रेड टावर पर हुए हमलों में ओसामा बिन लादेन का कोई हाथ था.

गौरतलब है कि, अमेरिकी कार्रवाई से बर्बाद हो चुके अल कायदा तालिबानी संरक्षण में एक बार फिर पनप सकता है. इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. कई जानकारों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के लिए यह परे‍शानी का सबब बन सकता है. अमेरिकी आंतकवाद रोधी मिशन के पूर्व निदेशक क्रिस कोस्टा ने भी इसे लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि, अलकायदा इस अवसर का लाभ उठाने की पूरी कोशिश करेगा.

एक तरफ तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद छोटे मोटे आतंकी संगठकों को पनाहगाह मिल जा रहा है. तो वहीं सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में से एक अल कायदा को अब नया ठिकाना मिल सकता है. सबसे बड़ी बात की कई देश जहां तालिबानी शासन का विरोध कर रहे हैं वहीं कई देश तालिबान के स्वागत में लगे हैं. इसी कड़ी में चीन के चीनी राजदूत वांग यू ने तालिबान के राजनीतिक विंग के उप प्रमुख अब्दुल सलाम हनाफी से मुलाकात की है.

इधर, अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा करने के बाद तालिबान ने अमेरिकी डॉलर और अफगान कलाकृतियों को अफगानिस्तान से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी डॉलर और अफगान कलाकृतियों के साथ पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अगर ऐसा कोई भी सामान मिला, तो उसे जब्त कर लिया जायेगा. तालिबान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विदेशों से वित्तीय मदद के दरवाजे उसके लिए बंद होते जा रहे हैं.

By Pritish Sahay

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