तालिबान ने 24 घंटे से भी कम समय में अफगानिस्तान की दूसरी प्रांतीय राजधानी शेबर्गन शहर पर किया कब्जा
Afghanistan News तालिबान ने अफगानिस्तान की दूसरी प्रांतीय राजधानी शेबर्गन शहर पर कब्जा कर लिया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने 24 घंटे से भी कम समय में दूसरी अफगान प्रांतीय राजधानी को अपने कब्जे में ले लिया है.
Afghanistan News तालिबान ने अफगानिस्तान की दूसरी प्रांतीय राजधानी शेबर्गन शहर पर कब्जा कर लिया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने 24 घंटे से भी कम समय में दूसरी अफगान प्रांतीय राजधानी को अपने कब्जे में ले लिया है. सुरक्षा बल और सरकारी अधिकारी एयरपोर्ट की ओर लौट गए हैं.
बता दें कि यह शहर अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल रशीद दोस्तम का घर है, जो इसी हफ्ते तुर्की से इलाज करवाकर अफगानिस्तान लौटे हैं. इससे पहले 6 अगस्त को निमरोज के जरंज शहर को तालिबान ने बिना किसी लड़ाई के कब्जे में ले लिया था. स्थानीय डिप्टी गवर्नर ने बताया था कि जरंज विद्रोहियों द्वारा कब्जा की जाने वाली पहली प्रांतीय राजधानी बनी. उल्लेखनीय है कि तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों के साथ ही आम लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं.
Taliban capture second Afghan provincial capital, Sheberghan city, reports AFP
— ANI (@ANI) August 7, 2021
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने एक बच्ची को बुर्का न पहनने के लिए मौत का घाट उतार दिया है. पिछले ही हफ्ते तालिबान ने मशहूर अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी. वहीं, 5 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार अब्दुल्ला आतिफी की भी हत्या कर दी थी. जबकि, 7 अगस्त को अफगानिस्तान सरकार के मीडिया और सूचना निदेशक दावा खान मेनपाल की काबुल में हत्या कर दी गई थी.
यह घटना ऐसे समय हुई है, जब कुछ ही दिन पहले देश के कार्यवाहक रक्षा मंत्री की हत्या का प्रयास किया गया था. तालिबान पिछले कई महीनों से पूरे अफगानिस्तान में संघर्ष कर रहा है और छोटे प्रशासनिक जिलों को अपने नियंत्रण में लेने के बाद अब प्रांतीय राजधानियों को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहा है. सरकार ने दावा किया है कि शहर के अहम बुनियादी ढांचों पर लड़ाई अब भी जारी है और जरंज पर कब्जा नहीं हुआ है, लेकिन तालिबाान ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें स्थानीय हवाई अड्डे और शहर के प्रवेश बिंदुओं पर तालिबानी दिख रहे हैं. प्रांत के गवर्नर अब्दुल करीम बरहावी जरंज से भागकर शांतिपूर्ण चाहर बुर्जक जिले में शरण के लिए गए, जहां स्थानीय जातीय बलूच आबादी ने उन्हें संरक्षण दिया है.
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