तालिबान के हाथ लगा हथियारों का जखीरा, मिल गयी पूरी एयरफोर्स की ताकत, भारत के खिलाफ साजिश तो नहीं!

अमेरिका द्वारा बनाये गये इस एयरफोर्स कमांड सेंटर पर भी तालिबान का राज है जो काबुल में है. इसका मतलब यह हुआ कि तालिबान के पास अब 242 एयरक्राफ्ट भी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2021 11:59 AM
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अफगानिस्तान पर कब्जा कर तालिबान ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है. अमेरिकी सेना के वापसी के कुछ ही दिनों बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. अब तालिबान लड़ाकों के हाथ एक पूरी एयरफोर्स लग गयी है. हथियारों का एक बड़ा जखीरा तालिबान के कब्जे में है. देखा जाए तो इस वक्त तालिबान दुनिया का सबसे बड़ा आंतकी संगठन बन गया है.

तालिबान के पास एक बड़ी सेना तो पहले से ही थी. अमेरिकी फौजों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबार हथियार के मामले में मालामाल हो गया है. 2002 में अमेरिका ने अफगानिस्तान सेना के साथ मिलकर अफगान नेशनल आर्मी एयर कॉर्प्स के नाम से एक एयरफोर्स तैयार की थी. अब इस एयरफोर्स पर तालिबान का कब्जा हो गया है. इस एयरफोर्स में 7000 से ज्यादा जवान हैं.

अमेरिका द्वारा बनाये गये इस एयरफोर्स कमांड सेंटर पर भी तालिबान का राज है जो काबुल में है. इसका मतलब यह हुआ कि तालिबान के पास अब 242 एयरक्राफ्ट भी हैं, जो किसी को भी टक्कर दे सकते हैं. इसमें लड़ाकू विमानों का बेड़ा भी शामिल हैं. इसी प्रकार अफगानी सेना को भारत की ओर से मिल एमआई 35 हैलीकॉप्टर भी अब तालिबान का हो गया है.

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तालिबान के पास हैं ये एयरक्राफ्ट

अमेरिका में निर्मित AC-208 हेलिकॉप्टर

अमेरिका में निर्मित MD 500 Defender हेलिकॉप्टर

HAL- चीता एयरक्राफ्ट , MI-8, MI 17 और Boeing 727

ब्राजील के बने हुए A-29 Super अटैक एयरक्राफ्ट

भारत की ओर से दिये गये एमआई 35 हैलीकॉप्टर

दुनिया भर में हो रही अमेरिका की आलोचना

जो बाइडेन के सत्ता में आते ही जिस प्रकार अफगानिस्तान से सेना हटायी गयी और तालिबान को कब्जे का मौका दिया गया, पूरी दुनिया में इसकी जमकर आलोचना हो रही है. खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का ऐसा अपमान पहले कभी नहीं हुआ. बाइडेन खुद अमेरिकी मीडिया के भी निशाने पर हैं. भारतीय जानकारों ने भारत को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

अधिकतर तालिबान लड़ाकों के पास अब M 16 कार्बाइन राइफल है, जो अमेरिकी सेना का अचूक हथियार है. इसकी रेंज भी एके 47 से कहीं ज्यादा है. अमेरिका के इस कदम की कीमत पूरे एशिया को चुकाना पड़ सकता है. चीन भी अंदर ही अंदर तालिबान का समर्थन कर रहा है जो भारत के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है. पाकिस्तान भी तालिबान के बहाने भारत को परेशान करने की साजिश कर सकता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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