काबुल: तालिबान ने शनिवार को अफगानिस्तान के दो और प्रांतों पर कब्जा कर लिया. इसके साथ ही यह कट्टरपंथी संगठन अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके तक पहुंच गया है. स्थिति से बटने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी लगातार बैठकें कर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्हें काबुल और उसके आसपास के प्रांतों की सुरक्षा की जानकारी दी गयी.
तोलो न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में अमेरिका के अधिकारी रॉस विल्सन और अमेरिकी सेना के कमांडर भी मौजूद थे. दोनों ने अफगानिस्तान सेना की मदद करने का भरोसा दिया है. इससे पहले खबर थी कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति तालिबान को प्रस्ताव दे सकते हैं कि दोनों मिलकर सरकार चलायें.
इंटरनेशनल मीडिया की कई रिपोर्टों में संकेत दिये गये हैं कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति तालिबान के सामने सरेंडर कर सकते हैं. तालिबान के साथ मिलकर सरकार चलाने के अशरफ गनी के प्रस्ताव को इसी रूप में देखा जा रहा है. बहरहाल, तालिबान ने उत्तरी हिस्से के एक बड़े शहर पर चौतरफा हमला किया है, जिसकी रक्षा पूर्व क्षत्रप कर रहे हैं. अफगान अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
Afghan Pres chaired a coordination meeting with officials where he was briefed on security of Kabul& neighboring provinces. Meeting also attended by US Chargé d’Affaires Ross Wilson&US forces commander& both vowed support to Afghan forces: TOLONews quoting the Presidential Palace
— ANI (@ANI) August 14, 2021
अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतया वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है. ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इसके कारण यह आशंका बढ़ गयी है कि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.
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लोगार से सांसद होमा अहमदी ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने पूरे लोगार पर कब्जा कर लिया है और प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है. उन्होंने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर दूर चार असयाब जिले तक पहुंच गया है. आतंकवादियों ने पाकिस्तान की सीमा से लगते पक्तिया की राजधानी पर भी कब्जा कर लिया.
पक्तिया के गवर्नर ने किया सरेंडर
प्रांत से सांसद खालिद असद ने बताया कि शराना में शनिवार तड़के लड़ाई शुरू हो गयी, लेकिन स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से संघर्षविराम का समझौता हो गया. उन्होंने बताया कि गवर्नर एवं अन्य अधिकारियों ने आत्मसमर्पण कर दिया और वे काबुल जा रहे हैं. पड़ोसी पक्तिया प्रांत के एक सांसद सैयद हुसैन गरदेजी ने कहा कि तालिबान ने स्थानीय राजधानी गरदेज के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है, लेकिन सरकारी बलों के साथ लड़ाई जारी है.
तालिबान ने कहा कि शहर पर उनका कब्जा हो गया है. उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के मजार-ए-शरीफ पर कई दिशाओं से हमला किया. इसके कारण इसके बाहरी इलाकों में भीषण लड़ाई शुरू हो गयी. उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी.
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इंटरनेशनल कम्युनिटी को तालिबान स्वीकार नहीं
इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह 20 वर्षों की ‘उपलब्धियों’ को बेकार नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श’ जारी है. उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया.
हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाये जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है. अमेरिका ने इस हफ्ते कतर में सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता जारी रखी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha