दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है तालिबान, कई देशों से करता है हथियारों की खरीद
साल 2016 में फोर्ब्स मैगजीन ने आतंकी संगठन तालिबान को दुनिया का 5वां सबसे अमीर आतंकी संगठन बताया था. उस समय तालिबान का सालाना टर्नओवर 4 सौ मिलियन डॉलर के करीब था. इसके 4 साल बाद नाटो की गोपनीय रिपोर्ट आई. इस रिपोर्ट में नाटों ने खुलासा किया कि, बीते चार सालों में तालिबान का टर्नओवर बढ़कर करीब...
Taliban, Afghanistan: अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा जमाने वाला तालिबान न सिर्फ दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में शुमार है. बल्कि, ये दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन भी है. हर साल तालिबान का टर्न ओवर अरबों रुपये में होता है. इताना पैसा तालिबान गैर कानूनी तरीके से कमाता है. जिसमें नशीले पदार्थों की बिक्री भी शामिल होती है.
साल 2016 में फोर्ब्स मैगजीन ने आतंकी संगठन तालिबान को दुनिया का 5वां सबसे अमीर आतंकी संगठन बताया था. बता दें, उस समय तालिबान का सालाना टर्नओवर 4 सौ मिलियन डॉलर के करीब था. इसके 4 साल बाद नाटो की गोपनीय रिपोर्ट आई. इस रिपोर्ट में नाटों ने खुलासा किया कि, बीते चार सालों में तालिबान का टर्नओवर बढ़कर करीब 1.6 बिलियन डॉलर हो चुका है.
कहां इस्तेमाल करता है तालिबान अपना पैसा: आतंकी संगठन तालिबान अपने अपार पैसे को हथियार खरीदने में इस्तेमाल करता है. इन्हीं पैसो के दम पर अब तालिबान के पास आधुनिक हथियार हैं, लड़ाकू गाड़ियां हैं. इसी धन के दम पर उसने लड़ाकों की एक फौज तैयार कर ली है. इसी दम पर तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है.
अफीम का अवैध व्यापार: अब सवाल है कि आखिर तालिबान के पास इतना पैसा कहां से आता हैं. दरअसल, तालिबान अपनी सबसे बड़ी कमाई अफीम से करता है. अफीम का अवैध व्यापार ही तालिबन की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. इसके अलावा कई देशों से तालिबान को फंडिग होती है. वहीं सुरक्षा के नाम पर बी तालिबान अच्छी खासी कमाई करता है.
कैसे काम करता है तालिबान: तालिबान के प्रवक्ता जैबिउल्लाह मुजाहिद के मुताबिक, तालिबान का सर्वोच्च नेता मलावी हिबातुल्लाह अखुंदजादा है. अखुंदजादा राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों का मुख्य अधिकारी भी है. इसके तीन सहायक हैं- मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, मुल्ला मोहम्मद याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी. बरादर जहां राजनीतिक मामलों के आयोग देखता है, वहीं याकूब पश्चिमी प्रांतों व सैन्य मामले और हक्कानी पूर्वी प्रांतों व हक्कानी नेटवर्क का काम देखता है.
Posted by: Pritish Sahay