World News: संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट में एक ऐसा विधायक पेश किया गया है, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है. इस विधेयक पर पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ट्वीट कर अपनी खीझ निकाली है. शिरीज मजीर ने कहा कि पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उसे अमेरिका के आतंक के खिलाफ युद्ध में सहयोगी बनकर साथ देने के बावजूद बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने और अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद अमेरिका की सीनेट में एक विधेयक पारित किया गया है, जिसमें तालिबान पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है.
20 years of presence by economically & militarily powerful US & NATO left behind chaos with no stable governance structures.Pak now being scapegoated for this failure.This was never our war; we suffered 80000 casualties, a dessimated economy, over 450 drone attacks by r US "ally"
— Shireen Mazari (@ShireenMazari1) September 28, 2021
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दरअसल, अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के 22 सांसदों ने एक विधेयक पेश किया है, जिसमें तालिबान और उसके सहयोगी देशों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. इस विधेयक का नाम अफगानिस्तान काउंटर टेररिज्म, ओवरसाइट एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट है. विधेयक में यह भी मांग की गई है कि अगर कोई देश तालिबान की मदद करता है या फिर उन्हें समर्थन देता है तो अमेरिका उस देश का रिव्यू कर उस पर संभावित प्रतिबंध लगाए. विधेयक के एक सेक्शन में तालिबान का समर्थन करने वालों में पाकिस्तान का नाम भी लिखा हुआ है.
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पाकिस्तान की मनावधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली अमेरिका और नाटो द्वारा 20 साल की उपस्थिति ने बिना किसी स्थिर शासन ढांचे के अराजकता को पीछे छोड़ दिया. इस विफलता के लिए पाक को अब बलि का बकरा बनाया जा रहा है. यह हमारा युद्ध कभी नहीं था. हमें 80,000 हताहतों का सामना करना पड़ा. हमारी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा और हमें अमेरिका द्वारा 450 ड्रोन हमले भी झेलने पड़े.
शिरीन मजारी ने कहा, अमेरिकी सीनेट गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करें कि 2 ट्रिलियन डॉलर कहां गायब हुए? भारी-भरकम निवेश वाला ANA आखिर क्यों भंग हो गया? पाकिस्तान से टीटीए एलडीआरशिप मुक्त करने के लिए किसने कहा? किसने टीटीए के साथ दोहा समझौते पर हस्ताक्षर किए और उन्हें डीसी में होस्ट किया?
Enough is enough. It is time for those powers who were present in Afghanistan to look to their own failures instead of targeting Pak which paid a heavy price in lives lost, social & econ costs, refugees – all for being an ally & suffering constant abuse, in a war that wasnt ours.
— Shireen Mazari (@ShireenMazari1) September 28, 2021
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पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री ने कहा, अब बहुत हो गया है. यह उन शक्तियों के लिए, जो अफगानिस्तान में मौजूद थीं, पाकिस्तान को निशाना बनाने के बजाय अपनी खुद की विफलताओं को देखने का समय है. हमने जान गंवाई है. सामाजिक, आर्थिक और शरणार्थियों के स्तर पर भारी कीमत चुकाई है. हमने लगातार शोषण झेला है, वह भी एक ऐसे युद्ध के लिए जो हमारा कभी था ही नहीं.
Posted By: Achyut Kumar