तालिबान का समर्थन करने वाले पाक की मंत्री ने कहा- आतंक के खिलाफ युद्ध में दिया अमेरिका का साथ, होगी मुश्किलें

तालिबान का समर्थन करने वाले पाकिस्तान की मंत्री शिरीन मजारी का कहना है कि पाक को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. आतंक के खिलाफ युद्ध में अमेरिका का देने के बावजूद उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2021 8:38 PM
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World News: संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट में एक ऐसा विधायक पेश किया गया है, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है. इस विधेयक पर पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ट्वीट कर अपनी खीझ निकाली है. शिरीज मजीर ने कहा कि पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उसे अमेरिका के आतंक के खिलाफ युद्ध में सहयोगी बनकर साथ देने के बावजूद बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने और अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद अमेरिका की सीनेट में एक विधेयक पारित किया गया है, जिसमें तालिबान पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है.


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दरअसल, अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के 22 सांसदों ने एक विधेयक पेश किया है, जिसमें तालिबान और उसके सहयोगी देशों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. इस विधेयक का नाम अफगानिस्तान काउंटर टेररिज्म, ओवरसाइट एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट है. विधेयक में यह भी मांग की गई है कि अगर कोई देश तालिबान की मदद करता है या फिर उन्हें समर्थन देता है तो अमेरिका उस देश का रिव्यू कर उस पर संभावित प्रतिबंध लगाए. विधेयक के एक सेक्शन में तालिबान का समर्थन करने वालों में पाकिस्तान का नाम भी लिखा हुआ है.

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पाकिस्तान की मनावधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली अमेरिका और नाटो द्वारा 20 साल की उपस्थिति ने बिना किसी स्थिर शासन ढांचे के अराजकता को पीछे छोड़ दिया. इस विफलता के लिए पाक को अब बलि का बकरा बनाया जा रहा है. यह हमारा युद्ध कभी नहीं था. हमें 80,000 हताहतों का सामना करना पड़ा. हमारी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा और हमें अमेरिका द्वारा 450 ड्रोन हमले भी झेलने पड़े.

शिरीन मजारी ने कहा, अमेरिकी सीनेट गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करें कि 2 ट्रिलियन डॉलर कहां गायब हुए? भारी-भरकम निवेश वाला ANA आखिर क्यों भंग हो गया? पाकिस्तान से टीटीए एलडीआरशिप मुक्त करने के लिए किसने कहा? किसने टीटीए के साथ दोहा समझौते पर हस्ताक्षर किए और उन्हें डीसी में होस्ट किया?


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पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री ने कहा, अब बहुत हो गया है. यह उन शक्तियों के लिए, जो अफगानिस्तान में मौजूद थीं, पाकिस्तान को निशाना बनाने के बजाय अपनी खुद की विफलताओं को देखने का समय है. हमने जान गंवाई है. सामाजिक, आर्थिक और शरणार्थियों के स्तर पर भारी कीमत चुकाई है. हमने लगातार शोषण झेला है, वह भी एक ऐसे युद्ध के लिए जो हमारा कभी था ही नहीं.

Posted By: Achyut Kumar

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