इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का टॉप कमांडर खालिद बाटली उर्फ मोहम्मद खुरासनी मार गिराया गया है. उसे पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा के पास अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत में मारा गया है. रक्षा सूत्रों के हवाले से मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, टीटीपी का टॉप कमांडर खुरासनी पाकिस्तान में असैन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या में शामिल था.
बताते चलें कि रक्षा सूत्रों ने खुरासनी के मारे जाने की विस्तृत जानकारी दिए बिना मीडिया को केवल इतना ही बताया कि उसे अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में मार गिराया गया. वहीं, वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने खुरासनी के मारे जाने की पुष्टि की, लेकिन हाई-प्रोफाइल घटना की परिस्थितियों के बारे में ब्योरे साझा करने से इनकार कर दिया.
सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, करीब 50 वर्ष की उम्र का खुरासनी गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र का रहने वाला था और 2007 में खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात घाटी में चरमपंथी संगठन में शामिल हुआ था. वह आतंकवादियों के सरगना मुल्ला फजलुल्ला का करीबी हो गया था, जो बाद में जाकर टीटीपी का मुखिया बना था. उसे 2014 में टीटीपी का प्रवक्ता बनाया गया था और तब से उसने आतंकवादियों के दुष्प्रचार अभियान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
रक्षा सूत्रों ने कहा कि वह हाल ही में टीटीपी प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद के नेतृत्व में विभिन्न आतंकवादी गुटों को एकजुट करने के लिए सक्रिय हो गया था. इसके बाद वह पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद वह अक्सर काबुल की यात्रा कर रहा था.
इससे पहले, वह खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वज़ीरिस्तान कबायली जिले में एक आतंकवादी ठिकाने का प्रबंधन करता था, लेकिन 2014 में अभियान ज़र्ब-ए-अज़ब के दौरान अफगानिस्तान भाग गया था. टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच एक महीने के संघर्ष विराम के टूटने के बाद उसे मारा गया है. टीटीपी ने नौ नवंबर, 2021 से एक महीने के लिए सभी हमलों को रोकने की घोषणा की थी.
पिछले हफ्ते, पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि प्रतिबंधित समूह की कुछ अस्वीकार्य शर्तों के साथ आने के बाद टीटीपी के साथ बातचीत समाप्त हो गई थी. उन्होंने कहा था कि संघर्ष-विराम नौ दिसंबर को समाप्त हो गया. उनके (आतंकवादियों) के खिलाफ अभियान जारी है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकवाद का खतरा समाप्त होने तक अभियान जारी रहेगा.