Terrorist Attack in Pakistan: पाकिस्तान में सुरक्षा बल इस समय दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. एक ओर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमलों में तेजी आई है, वहीं दूसरी ओर घरेलू राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को लेकर असंतोष बढ़ रहा है, खासकर इमरान खान की पार्टी से जुड़े मामलों को लेकर.
हाल ही में खैबर जिले के तिराह घाटी में एक पुलिस कांस्टेबल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) में शामिल हो गया, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. इसी बीच, रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के अशांत क्षेत्र में आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें चार जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई.
घातक हमला, पांच लोगों की जान गई
यह हमला डेरा इस्माइल खान जिले में हुआ, जहां ‘करिजत लेवी’ नामक अर्धसैनिक बल के जवान चोरी हुए ट्रक की तलाश में निकले थे. इसी दौरान आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें चार जवानों और एक नागरिक की जान चली गई. सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान छेड़ रखा है. शनिवार को बलूचिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों ने विभिन्न अभियानों के दौरान 23 आतंकियों को मार गिराया था.
सेना और उग्रवादियों के बीच बढ़ता टकराव
खैबर पख्तूनख्वा में बीते महीनों में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है. सेना इस क्षेत्र में आतंकवाद रोकने में नाकाम साबित हो रही है. हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर पर हमला हुआ, जिसमें उन्हें तीन गोलियां लगी थीं. वहीं, पिछले महीने विदेशी राजनयिकों के काफिले को भी निशाना बनाया गया था. स्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के लिए आने वाले समय में यह चुनौती और गंभीर हो सकती है.