अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगे 37 आरोप, जानें वे 10 बातें जो बनी पुख्ता सबूत!
डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाए गए हैं कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने किसी की नहीं सुनी. यहां तक कि न्याय विभाग की आपत्तियों के बावजूद उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप से जुड़ी एफबीआई के गुप्त दस्तावेज को लीक किया. अब चुनाव हारने के तीन साल बाद उन पर सरकारी दस्तावेज चुराने के आरोप लगे हैं.
वाशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगे अभियोगों को सार्वजनिक कर दिया गया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर करीब 37 अपराधों को लेकर आरोप लगाए गए हैं. इन आरोपों में सबसे अहम पेंटागन की एक ‘हमले की योजना’ का विवरण और एक सैन्य अभियान से जुड़े एक गोपनीय दस्तावेज को साझा करने का आरोप शामिल है. डोनाल्ड ट्रंप पर लगे अभियोगों की सूची शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया.
डोनाल्ड ट्रंप पर सरकारी दस्तावेज चुराने का आरोप
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप लगाए गए हैं कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने किसी की नहीं सुनी. यहां तक कि न्याय विभाग की आपत्तियों के बावजूद उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप से जुड़ी एफबीआई के गुप्त दस्तावेजों को लीक कर दिया. अब चुनाव हारने के तीन साल बाद डोनाल्ड ट्रंप पर सरकारी दस्तावेज चुराने के आरोप लगे हैं. डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिकी फेडरल कोर्ट में कैपिटल हिल्स पर हमले के लिए उकसाने से लेकर पोर्न स्टार को घूस देने, आयकर धोखाधड़ी करने और न्यायपालिका को अवैध तरीके से प्रभावित करने के प्रयास समेत कुल 37 आरोप लगाए गए हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप की वे 10 बातें
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सार्वजनिक हुए टेप के एक प्रतिलेख में कहा गया है कि राष्ट्रपति के तौर पर मैं इसे सार्वजनिक कर सकता था, लेकिन अब मैं नहीं कर सकता.
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उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे बक्सों को देखे.’
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डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी पूछा, ‘क्या यह बेहतर होगा कि अगर हम उन्हें बताएं कि हमारे पास यहां कुछ भी नहीं है?’
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करीब 50 पन्नों में लगाए गए अभियोग में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने न केवल जानबूझकर गोपनीय दस्तावेजों को पास रखा, बल्कि उन्हें मेहमानों को दिखाया भी.
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2021 में एक निजी बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में संभावित हमले के बारे में एक पेंटागन दस्तावेत के कब्जे में होने की बात स्वीकार की थी. इसका अर्थ यह होगा कि डोनाल्ड ट्रम्प जानते थे कि मार-ए-लागो में उनके द्वारा रखे गए रिकॉर्ड वर्गीकृत थे, जिसे उन्होंने पिछले महीनों में बार-बार नकारा.
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पिछली गर्मियों में फ्लोरिडा में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की ओर से की गई छापेमारी में पाया गया कि उनके निवास पर कई गोपनीय दस्तावेज रखे गए थे.
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इन गोपनीय दस्तावेजों छिपाने की अपनी कोशिशों में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सहायकों को भी शामिल किया था.
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अगस्त 2022 में मियामी की एक अदालत में दायर 32 पन्नों के हलफनामे में एफबीआई ने डोनाल्ड ट्रंप पर गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को बिना अनुमति अपने पास रखने का आरोप लगाया था. कुछ दिनों बाद एफबीआई ने ट्रंप के घर पर दोबारा छापा मारा.
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एफबीआई के दूसरे छापे में 33 बक्सों में भरे करीब 11 हजार सरकारी दस्तावेज बरामद किए थे. इनमें से करीब 100 दस्तावेज गोपनीय हैं. इन्हीं दस्तावेजों में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज भी शामिल थे.
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डोनाल्ड ट्रंप ने अपने वकीलों को बताया था, ‘हम अपने आवास में रखे गए गोपनीय दस्तावेज को वापस लौटाने के लिए भेजे गए एक समन की अवहेलना करना चाहते थे.’