लादेन का पता बताने और सीआईए की मदद करने वाले डॉक्टर ने जेल में ही शुरू की भूख हड़ताल
पाकिस्तान के एक डॉक्टर शकील अफरीदी ने फर्जी टीकाकरण के जरिये वर्ष 2011 में आतंकवाद का पर्याय बन चुके ओसामा बिन लादेन का पता बताने और उसे मौत के घाट उतारने में अमेरिकी एजेंटों को मदद की थी. इस समय वे पाकिस्तानी जेल में बंद हैं और उन्होंने सोमवार से भूख हड़ताल की शुरुआत कर दी है. दरअसल, वे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अपने परिवार के साथ हो रहे अन्याय और अमानवीय व्यवहार के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में ओसामा-बिन-लादेन का पता लगाने और उसे मारने में सीआईए की मदद करने वाले डॉक्टर ने जेल की कोठरी से ही भूख हड़ताल शुरू कर दी. उनके वकील और परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी. डॉ शकील अफरीदी कई वर्षों से जेल में बंद हैं, जब से उनके फर्जी टीकाकरण कार्यक्रम ने 2011 में अलकायदा सरगना का पता लगाने और उसे मौत के घाट उतारने में अमेरिकी एजेटों की मदद की थी.
पंजाब प्रांत की जेल में बंद अफरीदी से मुलाकात के बाद उनके भाई जमील अफरीदी ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के खिलाफ किया गया अन्याय एवं अमानवीय व्यवहार का विरोध करने के लिए है. उनके वकील कमर नदीम ने भी भूख हड़ताल की पुष्टि की. अफरीदी को मई 2012 में 33 साल कैद की सजा सुनायी गयी थी.
अदालत ने आतंकवादियों के साथ संपर्क रखने के जुर्म में उन्हें सजा सुनायी थी. बाद में उनकी सजा 10 साल कम कर दी गयी थी. कुछ अमेरिकी सांसदों ने इस मामले को अलकायदा सरगना की तलाश में की गयी मदद का बदला बताया था. बिन लादेन की 2011 में हुई हत्या से पाकिस्तान की चौतरफा फजीहत हुई थी, खासकर उसकी ताकतवर सेना की.