संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि कोविड-19 के कारण दुनिया के समक्ष पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियों को उजागर कर दिया है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कोविड-19 के कारण दुनियाभर की सरकारें संघर्ष कर रही हैं. अब तक दुनियाभर में कोरोना वायरस के 35 लाख से अधिक मामले आ चुके हैं. कोरोना लायरस के कारण अब तक करीब 2,50,500 लोगों की इससे जान जा चुकी है. वहीं इसके प्रसार को रोकने के लिए और इससे निपटने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है. पूरे विश्व इस समय कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य और मानवीय संकट आ गया है.
इस बारे में बात करते हुए अकबरुद्दीन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वैश्विक महामारी के कारण पेश हो रही चुनौतियों ने वैश्विक प्रशासन प्रणाली की कमियां उजागर कर दी हैं. उन्होंने कहा कि कई संकटों से निपटने के बाद हमें अपनी व्यवस्था को तत्काल मौजूदा समय के अनुसार बदलने की जरूरत होगी. अन्यथा वैश्विक शासन संकट नए तरह से व्यवस्था के सामान्य होने में बाधक बनेगा. कोविड- 19 के नियंत्रण पर भारत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत ने कोविड-19 से निपटने के लिए वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों की आपूर्ति से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के साथ काम करने की अपनी क्षमता दिखाई. अकबरुद्दीन 30 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 1,373 लोंगो की मौत हो गई है. जबकि कुल संक्रमित मामलों की तादाद 42,533 पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से 11,706 मरीज ठीक हो गए हैं और एक रोगी देश से बाहर जा चुका है. वहीं कोविड-19 से संक्रमित 29,453 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है. कुल मामलों में 111 विदेश नागरिक शामिल हैं. पिछले 24 घंटे में कुल 67 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है.