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क्या है रूस-अमेरिका की ‘न्यू स्टार्ट संधि’, परमाणु हथियारों से क्या है संबंध

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘न्यू स्टार्ट' संधि को बिना किसी शर्त के आगे बढ़ाने की मांग की है.

वॉशिंगटन: अमेरिका और रूस ने सामरिक परमाणु बलों पर अपने अंतिम कानूनी पेंच को दूर करने संबंधी एक दूसरे के प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज कर दिया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘न्यू स्टार्ट’ संधि को बिना किसी शर्त के आगे बढ़ाने की मांग की है.

खत्म होने वाली संधि की समय सीमा

इस संधि की समय सीमा जल्दी ही समाप्त होने वाली है. वहीं व्हाइट हाउस ने इसे बेकार बताया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि रूस अपने रुख पर दोबारा विचार करे. ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के अभियान के अंतिम दिनों में अपनी विदेश नीति रिकॉर्ड के बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया है.

न्यू स्टार्ट संधि को बताया त्रुटिपूर्ण

यद्यपि वे कहते हैं कि वह परमाणु हथियार नियंत्रण के पक्षधर हैं लेकिन उन्होंने ‘न्यू स्टार्ट’ संधि को त्रुटिपूर्ण बताया और कहा कि ये अमेरिका के पक्ष में नहीं है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव ने 2010 में ‘न्यू स्टार्ट’ संधि पर हस्ताक्षर किए थे. यह फरवरी में 2021 समाप्त होने वाली है.

पुतिन के प्रस्ताव से नाखुश अमेरिका

पुतिन ने शुक्रवार को न्यू स्टार्ट को बिना किसी शर्त के कम से कम एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में न्यू स्टार्ट ने काम किया और हथियार की दौड़ को सीमित करके की अहम भूमिका को निभाया है. वहीं ब्रायन ने कहा कि परमाणु हथियार पर रोक लगाए बिना न्यू स्टार्ट को बढ़ाने का राष्ट्रपति पुतिन का जवाब किसी काम का नहीं है.

Posted By- Suraj Thakur

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