नयी दिल्ली : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान कुछ ज्यादा ही उछल रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के कई नेता अब तक कई बार यह कह चुके हैं कि पाकिस्तान को हड़पने में तालिबान उनकी मदद करेगा. आतंकी संगठन अलकायदा ने भी दावा किया कि तालिबान की मदद से कश्मीर को आजाद करायेंगे. हालांकि तालिबान के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने इसका खंडन किया है.
अब पाकिस्तान ने एक बार फिर तालिबान के साथ अपने संबंधों की बात कबूल की है. पाकिस्तान के आतंरिक मंत्री शेख राशिद ने हम न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान हमेशा से तालिबान का संरक्षक रहा है. उन्होंने कहा कि इमरान के सरकार ने वर्षों तक तालिबान के लिए बहुत कुछ किया है. इस्लामाबाद में तालिबानियों को पनाह भी दी गयी है.
सीएनएन-न्यूज 18 ने भी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में तालिबान को सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभायेगा. राशीद ने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार तालिबान के संपर्क में है और कई मुद्दों पर विचार विमर्श चल रही है. एक तस्वीर में आईएसआई प्रमुख हामिद फैज को तालिबान के शीष नेताओं के साथ देखा गया है.
इससे पहले भी इमरान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान ने सकारात्मक भूमिका निभाने का फैसला कर लिया है. हमारे राजनयिक अलग-अलग लोगों के साथ संपर्क में हैं. खुद इमरान ने भी एक समय कहा है कि पाकिस्तान में 30 लाख से ज्यादा शरणार्थी हैं जो तालिबान के समान ही कट्टर समूह से हैं.
तालिबान के शीर्ष नेता अनस हक्कानी से जब यह सवाल किया गया कि क्या तालिबान कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करेगा तो उन्होंने कहा कि नहीं, कश्मीर हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. हम किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि 20 साल तक भारत ने हमारे खिलाफ अफगानिस्तान की मदद की, लेकिन फिर भी हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं.