भारत पाकिस्तान के बीच हो सार्थक संवाद, अमेरिका का बड़ा बयान, कहा- बेहतरी के लिए मतभेद दूर करने की जरूरत
अमेरिका ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के लोगों की बेहतरी के लिए दोनों देशों के बीच सार्थक संवाद की जरूरत है. अमेरिका ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मतभेद हैं जिन्हें निश्चित तौर पर दूर करने की जरूरत है. इसके लिए अमेरिका एक साझेदार के रूप में दोनों की मदद करने के लिए तैयार है.
अमेरिका ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लोगों की बेहतरी के लिए दोनों देशों के बीच सार्थक संवाद जरूरी है. इनमें से किसी के साथ भी उसके संबंधों का मतलब किसी एक का फायदा या दूसरे का नुकसान नहीं है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, हमारी भारत के साथ वैश्विक सामरिक साझेदारी है. मैंने, हमारे पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध के बारे में भी बात की है. इन संबंधों का मतलब किसी एक का फायदा या दूसरे का नुकसान नहीं है. हम इन्हें एक-दूसरे से जोड़कर नहीं देखते.
भारत-पाक के बीच हो सार्थक संवाद: नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दोनों संबंध भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए अत्यावश्यक हैं. प्राइस ने कहा, ‘‘असल बात यह है कि दोनों देशों के साथ हमारी भागीदारी है और हम भारत तथा पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध नहीं देखना चाहते हैं. हम भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक संवाद देखना चाहते हैं. हमें लगता है कि यह पाकिस्तानी और भारतीय लोगों की बेहतरी के लिए जरूरी है. हम द्विपक्षीय रूप से एक साथ काफी कुछ कर सकते हैं.
मदद को अमेरिका है तैयार- नेड प्राइस: प्राइस ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मतभेद हैं जिन्हें निश्चित तौर पर दूर करने की जरूरत है. अमेरिका एक साझेदार के रूप में दोनों की मदद करने के लिए तैयार है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमने भारत के साथ अपनी वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूत किया है, हमारा ऐसा रिश्ता भी है जिसमें हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं. हमारे बीच असहमति या चिंता हो सकती है, हम उनसे ऐसे ही बात करते हैं जैसे कि हम अपने पाकिस्तानी मित्रों से करते हैं.
पीएम मोदी के बयान का दुनिया के किया स्वागत- अमेरिका: एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है तो दुनियाभर के देशों ने इस बयान का स्वागत किया था. उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के रूस से ऐसे संबंध है जो अमेरिका के नहीं हैं. मैं कहना चाहूंगा कि दशकों तक रूस ने भारत को वैसा भागीदार बनाने के लिए काम किया है, जैसा कि उस समय अमेरिका ने नहीं किया. जाहिर तौर पर हाल के दशकों में यह बदला है.