Earthquake: तिब्बत में मंगलवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने जमकर कहर बरपाया. एक झटके में जलजले ने 126 लोगों की जान ले ली. भूकंप के कारण 188 से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं. भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में था. यहां 20 किलोमीटर की परिधि में करीब 700 लोगों की आबादी रहती है. इस क्षेत्र में कुल 27 गांव हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक डिंगरी काउंटी की आबादी 61,000 जे ज्यादा है. भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई था. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है.
आफ्टरशॉक ने तिब्बत में मचाया कहर, सैकड़ों घर ध्वस्त
तिब्बत में भूकंप से कई इमारत ढहकर मलबे का ढेर बन गई है. मंगलवार सुबह 9.15 बजे दर्ज किए गए भूकंप के झटके रिक्टर स्केल पर 7 से ज्यादा तीव्रता के थे. इतने ताकतवर भूकंप के झटके के बाद कई बार आफ्टरशॉक आते रहे. सबसे ज्यादा नुकसान आफ्टरशॉक के कारण ही हुआ है. चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी सीईएससी (CENC) के एक बयान के मुताबिक भूकंप का केंद्र करीब 13,800 फीट की ऊंचाई डिंगरी काउंटी था. भूकंप के दौरान यहां बहुत तेज झटके महसूस किए गए. केंद्र के पास कई इमारतें झटकों के कारण ढह गई. झटकों के बाद भी कई बार आफ्टरशॉक आते रहे, इनमें से कुछ की तीव्रता 4.4 दर्ज की गई.
10 किलोमीटर की गहराई पर था केंद्र
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप का केंद्र उत्तर-पूर्व नेपाल के खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से के 90 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है. भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था. तिब्बती पठार को शक्तिशाली भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह उस स्थान पर स्थित है जहां टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेट मिलती हैं और अक्सर अत्यधिक बल के साथ टकराती हैं.
तिब्बत में आये भूकंप ने क्यों मचाई इतनी तबाही
मंगलवार को तिब्बत में आये भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है. तिब्बत दुनिया की सबसे ऊंचाई वाला देश है. समुद्र तट से यह 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है. पहाड़ी क्षेत्र और ऊंचाई पर होने के कारण यहां भूकंप खासी तबाही लाता है. भूकंप के झटके इतने ताकतवर थे कि इसका असर नेपाल से लेकर भारत और बांग्लादेश तक महसूस किए गए.
मलबे में दबे हुए थे बच्चे
तिब्बत में आये विनाशकारी भूकंप ने जमकर तबाही मचाई है. सरकारी चीनी टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में साफ दिख रहा है कि बच्चों सहित लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है, उन्हें स्ट्रेचर पर लादकर चिकित्सा शिविरों में ले जाया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी कई लोग और मलबे में दबे हो सकते हैं, ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
क्या होता है आफ्टरशॉक?
आफ्टरशॉक का मतलब होता है भूकंप के बाद आने वाले छोटे-छोटे झटके. इनकी तीव्रता अपेक्षाकृत काफी कम होती है. ये मुख्य भूकंप के बाद आते हैं. आफ्टरशॉक भूकंप के बाद कई हफ्तों, महीनों या उससे भी ज्यादा समय तक जारी रह सकते हैं. कभी-कभी आफ्टरशॉक भी भारी तबाही मचा देते हैं. तिब्बत में भूकंप के बाद आये आफ्टरशॉक ने भी काफी तबाही मचाई है. आफ्टरशॉक की तीव्रता और आवृत्ति आमतौर पर समय के साथ कम होती जाती है.