Tik Tok: भारत में बैन के बाद हांगकांग से बोरिया-बिस्तर समेटेगा टिकटॉक, अमेरिका में भी होगा बैन!
Tik Tok,TIk Tok Ban, Chinese Apps: भारत सरकार के एक्शन से हाल ही टिकटॉक सहित कई चौर चाइनीज ऐप्स भारत में बंद हो गया. अब खबर है कि हांगकांग में भी वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक की सेवाएं बंद होने जा ही है. टिकटॉक ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि टिकटॉक जल्द ही हांगकांग के बाजार से बाहर हो जाएगा.
Tik Tok,TIk TOk Ban, Chinese Apps: भारत सरकार के एक्शन से हाल ही टिकटॉक सहित कई चौर चाइनीज ऐप्स भारत में बंद हो गया. अब खबर है कि हांगकांग में भी वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक की सेवाएं बंद होने जा ही है. टिकटॉक ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि टिकटॉक जल्द ही हांगकांग के बाजार से बाहर हो जाएगा. कंपनी ने यह फैसला हांगकांग में जारी ताजा तनाव को देखते हुए लिया है.
ये फैसला तब लिया गया है जब चीन के प्रशासन ने पूरी तरह से हांगकांग पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. हांगकांग चीनी सरकार ने नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है. इसी के बाद अब चीन ने हांगकांग में इंटरनेट को सेंसर करना शुरू कर दिया है, इसी के तहत कई विदेशी एप्लीकेशन और वेबसाइट पर बैन लग रहा है. इसी बीच टिकटॉक ने ऐलान किया कि हांगकांग में उसने अपना ऑपरेशन रोक दिया है.
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ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि नए कानून के तहत सोशल मीडिया कंपनी को कुछ कानूनों का पालन करना होगा, यही कारण है कि अब हांगकांग में ट्विटर, फेसबुक और गूगल समेत कई कंपनियों को नोटिस दिया गया है. बता दें कि हांगकांग में पिछले साल इस ऐप को 1,50,000 डाउनलोड मिले थे वहीं दुनियाभर में इसे दो सौ करोड़ बार डाउनलोड किया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया था.
अमेरिका में चाइनीज ऐप्स भी होगा बैन
अमेरिका भी टिक टॉक समेत चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार देर रात इस संबंध में ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं. उधर, ऑस्ट्रेलिया में भी चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज होती जा रही है.
न्यूज़ चैनल Fox News को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पॉम्पियो ने चीनी ऐप्स बैन करने के सवाल का जवाब देते हुए ये भी कहा कि अगर अमेरिकी चाहते हैं कि उनकी निजी जानकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में जाए तभी वे चीनी ऐप्स डाउनलोड करें। https://t.co/4Ld4wzadaZ pic.twitter.com/jXrxBohZ50
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) July 7, 2020
अमेरिका का ये बयान चाइनीज ऐप पर भारत में हुई कार्रवाई के 6 दिन बाद आया. भारत के इस एक्शन को सांकेतिक तौर पर काफी अहम माना गया और कहा गया कि इसके बाद कई और देश ऐसा कदम उठाएंगे. जो अब सच होता दिख रहा है.
Posted By: Utpal kant