Titan Implosion: अमेरिका और कनाडा ने टाइटन पनडुब्बी के डूबने के कारण का पता लगाने के लिए जांच की प्रक्रिया शुरू की. हालांकि, वे इन सवालों से जूझ रहे हैं कि इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार कौन है और यह हादसा हुआ कैसे. अमेरिकी तटरक्षक ने शुक्रवार को कहा कि औपचारिक जांच अभी शुरू नहीं हुई है, क्योंकि समुद्री एजेंसियां अब भी उस क्षेत्र में तलाशी में जुटी हैं, जहां पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षतिग्रस्त हो गयी थी.
इस घटना में पनडुब्बी में सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई है. पनडुब्बी के मलबे समुद्र के भीतर टाइटैनिक जहाज के मलबे से सैकड़ों फुट दूर 12,500 फुट की गहराई में मिले. पनडुब्बी में सवार ये लोग टाइटैनिक के मलबे को देखने गए थे. अमेरिकी तटरक्षक के नेतृत्व में शुरुआती तलाश एवं बचाव अभियान की शुरुआत हुई और इस वृहद अंतरराष्ट्रीय प्रयास पर लाखों डॉलर की लागत आने की संभावना है. शुक्रवार तक यह साफ नहीं था कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा, क्योंकि इस जटिल जांच में कई देश शामिल होंगे.
टाइटन के स्वामित्व और इसकी संचालक कंपनी ओशनगेट एक्सपेडिशंस अमेरिका में स्थित है, लेकिन पनडुब्बी का पंजीकरण बहामास में हुआ है. ओशनगेट वाशिंगटन के स्नोहोमिश काउंटी के एवरेट शहर में स्थित है, लेकिन जब टाइटन के आने तक कंपनी बंद हो चुकी थी. हालांकि जिस पोलर प्रिंस पनडुब्बी से टाइटन बना था वह कनाडा से था और घटना में मारे गए लोग इंग्लैंड, पाकिस्तान, फ्रांस और अमेरिका से हैं. राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी तटरक्षक बल ने टाइटन पनडुब्बी के क्षतिग्रस्त होने को बड़ी समुद्री दुर्घटना बताया है और तटरक्षक बल जांच का नेतृत्व करेगा. एनटीएसबी के प्रवक्ता पीटर नुडसन ने कहा कि तटरक्षक अधिकारियों द्वारा एजेंसी के वरिष्ठ प्रबंधन को जानकारी प्रदान की गई थी और एनटीएसबी जांच में शामिल हो गया है. इस बीच, कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि वह पोलर प्रिंस की जांच शुरू कर रहा है. टाइटन की यात्रा के दौरान जहाज पर चालक दल के 17 सदस्य और 24 अन्य लोग सवार थे.