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WHO से नाता तोड़ने के बाद ट्रंप ने चीन के पीएलए से जुड़े शोधार्थियों और विद्यार्थियों को भी किया बैन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से नाता तोड़ने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब चीन के विद्यार्थियों और शोधार्थियों को लेकर भी कठोर फैसला किया है. उन्होंने शुक्रवार को चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से जुड़े विद्यार्थियों और शोधार्थियों के अमेरिका में प्रवेश करने पर रोक लगाने का ऐलान किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2020 6:41 PM

वॉशिंगटन : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से नाता तोड़ने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब चीन के विद्यार्थियों और शोधार्थियों को लेकर भी कठोर फैसला किया है. उन्होंने शुक्रवार को चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से जुड़े विद्यार्थियों और शोधार्थियों के अमेरिका में प्रवेश करने पर रोक लगाने का ऐलान किया है. इस बात का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन अमेरिका से बौद्धिक संपदा और तकनीक हासिल करने के लिए स्नातक छात्रों का इस्तेमाल करता है. हमने चीन की इन्हीं कोशिशों को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है. वहीं, ट्रंप के इस कदम के बाद चीन ने नस्लवादी फैसला बताया है.

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शोधार्थियों और विद्यार्थियों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते समय ट्रंप ने आरोप लगाया कि अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण के लिए संवदेनशील अमेरिकी तकनीक और बौद्धिक संपदा को हासिल करने के लिए चीन व्यापक अभियान चला रहा है. उन्होंने कहा कि चीन की यह हरकत अमेरिका की लंबे समय की आर्थिक शक्ति और अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है.

ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन अपने ज्यादातर स्नातक छात्रों और शोधकर्ताओं का इस्तेमाल बौद्धिक संपदा को एकत्रित करने के लिए करता है. इसलिए पीएलए से जुड़े चीनी छात्रों या शोधकर्ताओं के चीनी अधिकारियों के हाथों इस्तेमाल होने का अधिक जोखिम है और यह चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए मैंने फैसला किया कि अमेरिका में पढ़ाई या शोध करने के लिए ‘एफ या जे वीजा मांगने वाले कुछ चीनी नागरिकों का प्रवेश अमेरिका के हितों के लिए खतरनाक होगा.

बता दें कि अमेरिका और चीन के संबंधों में तनाव का असर अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्नातक कर रहे चीन के हजारों छात्रों पर पड़ने की चर्चा पहले से ही की जा रही थी. दुनियाभर में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले चीनी छात्रों को ट्रंप प्रशासन जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा सकता है. इसके अलावा, कहा यह भी जा रहा था कि अमेरिका चीन के अधिकारियों पर नयी पाबंदियां भी लगा सकता है.

गौतलब है कि ट्रेड वार, वैश्विक कोविड-19 महामारी, मानवाधिकार और हांगकांग के दर्जे को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कहा था कि वह चीन के बारे में शुक्रवार को ऐलान करेंगे. ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने इस बात का अंदेशा पहले ही जाहिर कर दिया था कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन के खुफिया विभाग या पीपल्स लिबरेशन आमी से संबद्ध चीन के शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े छात्रों का वीजा रद्द करने के महीनों पुराने प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं.

Posted By : Vishwat Sen

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