Twitter: भारत में ट्वीटर मुस्लिम विरोधी दुष्प्रचार का एक प्रमुख केंद्र है. इसका दुनियाभर के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है. तुर्की रेडियो और टेलीविजन निगम (TRT) द्वारा यह खुलासा किया गया है. टीआरटी वर्ल्ड ने इस्लामिक काउंसिल ऑफ विक्टोरिया (ICV) द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला दिया है.
आईसीवी के अध्ययन में पाया गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और भारत ने ट्विटर पर मुस्लिम विरोधी सामग्री में 86 फीसदी का योगदान दिया है. ICV के शोध से पता चला है कि 28 अगस्त 2019 से 27 अगस्त 2021 के बीच ट्विटर पर किए गए 3 साल की अवधि के दौरान कम से कम 3,759,180 इस्लामोफोबिक पोस्ट थे. शोधकर्ताओं ने 4 प्रमुख विषयों की पहचान की जो आम तौर पर ट्विटर पर इस्लामोफोबिक सामग्री पर चलते हुए चलते थे. पहला, इस्लाम और आतंकवाद के बीच संबंध, दूसरा यौन हमलावरों के रूप में मुसलमानों का चित्रण, तीसरा मुस्लिम अप्रवासी पश्चिम में गोरे लोगों और भारत में हिंदुओं को विस्थापित कर रहे हैं और चौथा हलाल को एक अमानवीय प्रथा के रूप में लेबल करना.
ICV शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह को भड़काने के लिए बीजेपी जिम्मेदार है. टीआरटी वर्ल्ड के हवाले से आईसीवी के शोधकर्ताओं का कहना है कि बीजेपी ने भारत में मुसलमानों के प्रति नफरत को इस हद तक सामान्य कर दिया है कि 55.12 फीसदी मुस्लिम विरोधी नफरत वाले ट्वीट भारत में ट्विटर पर शुरू होते हैं.
ICV ने आगे भारतीय ट्विटर खातों पर मुस्लिम विरोधी भावना में स्पाइक को उन कानूनों के लिए जिम्मेदार ठहराया जो मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करते हैं और उन्हें नागरिकता से वंचित करते हैं. शोधकर्ताओं का निष्कर्ष है कि भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन घृणा अपराधों के बीच एक सीधा संबंध है. आईसीवी शोधकर्ता ने सुझाव दिया, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को मुस्लिम विरोधी नफरत वाले ट्वीट्स को रोकने के लिए जिम्मेदार कार्रवाई करनी चाहिए.
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