UK News: ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए अपने वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग (Kwasi Kwarteng) को उनके पद से हटा दिया है. क्वासी क्वार्टेंग 6 हफ्तों से भी कम समय तक ब्रिटेन के वित्त मंत्री के पद पर रहे. बताते चलें कि यह फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब सरकार के भारी टैक्स कटौती के कारण वित्तीय बाजार में उथल-पुथल मच गई. बताया जा रहा है कि इस फैसले से मौजूदा वित्तीय हालात को लेकर सरकार का संकट और बढ़ सकता है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश पीएम ट्रस ने कंजरवेटिव नेतृत्व के पूर्व प्रत्याशी जेरेमी हंट को बर्खास्त किए गए क्वासी क्वार्टेंग के स्थान पर अपना नया वित्त मंत्री नियुक्त करने का निर्णय लिया है. वहीं, खबर यह भी सामने आ रही है कि टोरी सांसदों ने लिज ट्रस की जगह पेनी मोर्डंट और ऋषि सुनक के नामों पर विचार करना शुरू कर दिया है. लिज ट्रस पर 48 अरब डॉलर के कर कटौती के कुछ प्रस्तावों को खत्म करने का काफी दबाव है. कर कटौती के प्रस्तावों से वित्तीय बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा और उससे निपटने के लिए बैंक ऑफ इंगलैंड को कदम उठाना पड़ा है.
वहीं, क्वासी क्वार्टेंग ने ब्रिटेन के प्रधान मंत्री लिज ट्रस को शुक्रवार को चांसलर के रूप में निकाल दिए जाने के बाद अपना पत्र प्रकाशित किया. पत्र में क्वार्टेंग ने कहा, आपने मुझे अपने कुलाधिपति के रूप में अलग खड़े होने के लिए कहा है. जिसे मैंने स्वीकार कर लिया है. बर्खास्तगी के साथ ही क्वार्टेंग 1970 के बाद से ब्रिटेन के सबसे कम समय तक चांसलर रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर गए हैं. क्वार्टेंग ने अपने व्यापक रूप से निंदा किए गए मिनी बजट का बचाव किया और कहा कि 23 सितंबर को विकास योजना सामने आने के बाद से आर्थिक माहौल तेजी से बदल गया है.
सीएनएन के अनुसार, लिज ट्रस ने अपने राजनीतिक करियर का सबसे कठिन निर्णय लिया है और अपने वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त कर दिया है. क्वार्टेंग ट्रस के एक सहयोगी से कहीं अधिक थे. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों लो-टैक्स, फ्री-मार्केट कंजर्वेटिव राइट के प्रिय बन गए थे. जिन्होंने बोरिस जॉनसन के इस्तीफे को अंततः उदारवादी, अपने सपनों की डी-रेगुलेटिंग सरकार को स्थापित करने के अवसर के रूप में देखा. सरकार का टैक्स-कटिंग मिनी बजट न केवल क्वार्टेंग के लिए, बल्कि ट्रस के लिए भी मामला था. मिनी बजट में ट्रस सरकार ने टैक्स कटौती की. लेकिन, मिडिल क्लास को 19 प्रतिशत, जबकि अमीरों को 45 प्रतिशत की छूट दे दी. इसके अलावा, ब्रिटिश पाउंड डॉलर के मुकाबले 50 साल के न्यूनतम स्तर पहुंच गया. सेंट्रल बैंक को देनदारियां चुकानी पड़ रही हैं.