संयुक्त राष्ट्र ने नीतीश कुमार को बताया ‘क्लाइमेट लीडर’, मुख्यमंत्री ने किया बिहार के जलवायु परिवर्तन पर रणनीति को साझा
संयुक्त राष्ट्र : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन पर आयोजित एक बैठक में अपने राज्य की नीतियों और पर्यावरण अनुकूल कृषि तथा जल संरक्षण सहित सतत विकास प्रयासों को साझा किया. इसका उद्देश्य वैश्विक तापमान 1.5 सेल्सियस ने नीचे रखने के लक्ष्य को पाने में योगदान देना है. यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से आयोजित की गयी थी. संयुक्त राष्ट्र ने नीतीश कुमार को 'क्लाइमेट लीडर' बताया.
संयुक्त राष्ट्र : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन पर आयोजित एक बैठक में अपने राज्य की नीतियों और पर्यावरण अनुकूल कृषि तथा जल संरक्षण सहित सतत विकास प्रयासों को साझा किया. इसका उद्देश्य वैश्विक तापमान 1.5 सेल्सियस ने नीचे रखने के लक्ष्य को पाने में योगदान देना है. यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से आयोजित की गयी थी. संयुक्त राष्ट्र ने नीतीश कुमार को ‘क्लाइमेट लीडर’ बताया.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र से इतर ‘क्लाइमेंट एंबीशन’ विषय पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये आयोजित उच्च स्तरीय गोलमेज बैठक में शिरकत करनेवाले कुमार एकमात्र भारतीय नेता थे. उन्होंने कहा कि बिहार जहां वैश्विक आबादी के दो प्रतिशत लोग हैं, 2015 के पेरिस समझौते में उल्लेखित अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में एक अहम पक्षकार है.
नीतीश कुमार ने अपने वीडियो संबोधन में कहा, ”बिहार में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों जैसे अनियमित वर्षा, अत्यधिक गर्मी, गिरते भू-जलस्तर, सूखे और भीषण बाढ़ को ध्यान में रखते हुए हमने ‘जल विकास और हरियाली अभियान’ के तहत अपनी रणनीति तैयार की है.”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ‘दृढ़ विश्वास’ है कि जीवन का कोई भी रूप तभी संभव है, जब पानी और हरित क्षेत्र हो. नीतीश कुमार ने कहा, ”हमारी नीति में जलवायु अनुकूल कृषि, सतह और भू-जल का संरक्षण, सौर ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन और जैव विविधता संरक्षण शामिल है और यह हमें सतत विकास के मार्ग पर आगे ले जा रही है.”
उन्होंने कहा, ”विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्ववाले स्थानों में से एक होने के बावजूद हम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए खाद्य वनीकरण के साथ ही हरित क्षेत्र भी बढ़ा रहे हैं. हमने इसके लिए राज्य के बजट में 3.5 अरब डॉलर अतिरिक्त आवंटित किये हैं. कार्य मिशन मोड पर चल रहा है.”
नीतीश कुमार ने कहा, ”यह 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा.” बैठक में गुतारेस ने अपने संबोधन में कहा, ”सभी कारकों- सरकारें, शहर, कंपनियां, गैर-सरकारी संगठन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को 2050 से पहले नेट-शून्य के लिए अपनी स्वयं की योजना बनाने की आवश्यकता है.” गौरतलब है कि नेट जीरो उत्सर्जन का मतलब इंसान के कार्यों से उत्पन्न ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करते हुए इसे एकदम समाप्त करना है.