भारत की जी-20 अध्यक्षता, सुरक्षा परिषद में सुधारों की UN प्रमुख ने की सराहना, इन मुद्दों पर भी हुई की चर्चा
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता के कार्यालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के सहयोग और जी 20 में उसके नेतृत्व की सराहना की. उसने बताया कि गुतारेस और जयशंकर ने अफगानिस्तान, म्यांमार में हालात और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात की और भारत की जी 20 अध्यक्षता, क्षेत्रीय मामलों एवं वैश्विक चुनौतियों, सतत विकास लक्ष्यों और सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर उनके साथ चर्चा की. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में आम बहस को संबोधित करने से एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से वैश्विक संगठन के मुख्यालय में सोमवार को मुलाकात की. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक अचिम स्टीनर से भी मुलाकात की.जयशंकर ने कहा कि गुतारेस से मिलकर खुशी हुई. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि भारत की जी 20 अध्यक्षता ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के एजेंडे को मजबूत करने में किस प्रकार योगदान दिया.
भारत के सहयोग और जी 20 में उसके नेतृत्व की सराहना
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि हमने पिछले साल इस संबंध में निकट समन्वय किया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार को लेकर गुतारेस की मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता के कार्यालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के सहयोग और जी 20 में उसके नेतृत्व की सराहना की. उसने बताया कि गुतारेस और जयशंकर ने अफगानिस्तान, म्यांमार में हालात और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भारत की जी 20 अध्यक्षता के दौरान नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. जयशंकर ने गुतारेस से मुलाकात से पहले फ्रांसिस के साथ भी बैठक की और भारत की जी 20 अध्यक्षता के परिणामों की सराहना करने के लिए उनका धन्यवाद किया.
ग्लोबल साउथ पर हुई चर्चा
जयशंकर ने कहा कि भरोसा है कि यह संयुक्त राष्ट्र महासभा के विचार-विमर्श में योगदान देगा. बहुपक्षवाद में सुधार और हमारे समय के अहम मुद्दों पर ग्लोबल साउथ को उसका हक दिलाने की महत्ता पर चर्चा हुई. ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल उन विकासशील और अल्पविकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं. फ्रांसिस ने एक्स के जरिए कहा कि उन्हें जयशंकर से मिलकर खुशी हुई और उन्होंने विदेश मंत्री को भारत की सफल जी 20 अध्यक्षता, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के समर्थन में भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को लेकर बधाई दी. फ्रांसिस ने कहा कि उन्होंने 78वें यूएनजीए सत्र की प्राथमिकताओं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार एवं सतत विकास लक्ष्य शिखर सम्मेलन के परिणामों को आगे बढ़ाने समेत प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की.
जयशंकर ने विशेष ‘इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट’ (‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भारत-संयुक्त राष्ट्र: विकास के लिए काम करना) कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए भी फ्रांसिस को धन्यवाद दिया. मंत्री ने शनिवार को न्यूयॉर्क में इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी. जयशंकर ने स्टीनर के साथ अपनी बैठक में भारत की जी 20 अध्यक्षता के दौरान की गई पहलों में यूएनडीपी की भागीदारी की सराहना की. उन्होंने कहा, वैश्विक लाभ के मकसद से भारतीय सफलता की कहानियों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं.
शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मिले जयशंकर
जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की. उन्होंने बाद में एक्स पर लिखा, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद से मिलकर हमेशा खुशी होती है, इस बार न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई. मैं हमारे द्विपक्षीय सहयोग के तेजी से आगे बढ़ने की सराहना करता हूं. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण के हमारे नियमित आदान-प्रदान को महत्व देता हूं. विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने मेडागास्कर की विदेश मंत्री यवेटे सिल्ला के साथ भी बैठक की. उन्होंने ट्वीट किया, विकास साझेदारी, बाजरा और चावल उत्पादन, डिजिटल पहुंच और रक्षा सहयोग पर चर्चा की गई.