रूस और यूक्रेन के बीच बीते कई महीनों से युद्ध जारी है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. इस लड़ाई का पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है. भारत ने भी रूस से यूक्रेन के खिलाफ अभियान रोकने की अपील की है. गौरतलब है कि यूक्रेन-रूस युद्ध में मानवाधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप कई बार लगा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने अपनी युद्ध रोकने की अपील के साथ कहा कि युद्ध के हालात में भी मानवाधिकारों या अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
भारत ने कहा कि यूक्रेन में जारी लड़ाई चिंता का विषय है. भारत ने यह भी कहा कि किसी भी तरह से युद्ध में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से जांच की जानी चाहिए. भारत ने कहा कि हमने युद्ध में आम लोगों की हत्या की पहले भी कड़ी निंदा की है. भारत ने कहा कि एक स्वतंत्र जांच का वो समर्थन करता है.
India’s statement at the Interactive dialogue with Commission of Inquiry on the situation of human rights in Ukraine stemming from Russian aggression.@MEAIndia @AmbVMKwatra @SanjayVermalFS @IndiaUNNewYork pic.twitter.com/x65VGogRiS
— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) September 23, 2022
यूक्रेन में युद्ध अपराध के सबूत: इधर, संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था ने यूक्रेन में मानवाधिकारों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए नियुक्त विशेषज्ञों के दल ने आज यानी शुक्रवार को कहा कि शुरुआती पड़ताल में देश में युद्ध अपराध होने के सबूत मिले हैं. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ओर से नियुक्त जांच आयोग के विशेषज्ञों ने कीव, चेर्निहीव, खारकीव और सुमी पड़ताल की है.
मानवाधिकार कानून का उल्लंघन: गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध को करीब सात महीना बीत चुका है. इस बीच रूस की ओर से यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर लिया गया है. वहीं, हमले के सात महीनों बाद विशेषज्ञों अध्ययन की रिपोर्ट दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि टीम ने पूर्व में हिरासत में लिये गये लोगों से बातचीत की है. उस बातचीत में कहा गया है कि रूस ने पकड़ में आये लोगों के साथ मारपीट की है और बिजली के झटके दिये हैं. कईयों को जबरन निर्वस्त्र किया गया.
भाषा इनपुट के साथ