संयुक्त राष्ट्र के पूर्व प्रमुख ने की मांग, हांगकांड में विशेष दूत नियुक्त किया जाए
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से बृहस्पतिवार को हांगकांग में एक विशेष दूत नियक्त करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां ‘‘मानवीय त्रासदी'' पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं .
लंदन : संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से बृहस्पतिवार को हांगकांग में एक विशेष दूत नियक्त करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां ‘‘मानवीय त्रासदी” पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं .
मानव अधिकार के बारे में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उच्चायुक्त(2014-2018) जेद राद अल – हुसैन ने आठ अन्य पूर्व दूतों के साथ एशिया के सबसे मुक्त शहरों में से एक में बिगड़ती स्थिति, नए कानून के तहत उत्पन्न हो सकने वाले खतरे, मानवीय संकट को देखते हुए इस असामान्य प्रक्रिया की मांग की है.
अगले सप्ताह इस कानून को लागू किए जाने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि हमें लगता है कि हांगकांग में मानवाधिकारों का वास्तविक खतरा है और मानवीय त्रासदी की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है.
उसने कहा, ‘‘ यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्य देश, हांगकांग में मानवाधिकारों और मानवीय स्थिति के अवलोकन, निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए एक तंत्र स्थापित करने के लिए तत्परता से कार्य करें.”
यह मांग ऐसे समय पर की गई है जब चीन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करने और पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी पर और नियंत्रण लगाने जैसी हरकतों के चलते पिछले एक साल से हांगकांग में तनाव लगातार बढ़ गया है. इससे पहले अमेरिकी सीनेट ने भी एक विधेयक पारित किया था, जिसके तहत सरकार पर 1984 चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के सीधे उल्लंघन का आरोप लग सकता है. यह वह संधि है, जिसके तहत 1997 में हांगकांग में ब्रिटिश शासन को समाप्त कर शहर को आंशिक संप्रभुता प्रदान की गई थी.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak