संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा, अपने कार्यकाल का इस्तेमाल आंतकवाद के खिलाफ करूंगा
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि उनका देश शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने दो साल के कार्यकाल का इस्तेमाल, आतंकवादी समूहों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रवाह को रोकने जैसे मुद्दों से निपटने की रूपरेखा बनाने के लिये करेगा.
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि उनका देश शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने दो साल के कार्यकाल का इस्तेमाल, आतंकवादी समूहों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रवाह को रोकने जैसे मुद्दों से निपटने की रूपरेखा बनाने के लिये करेगा.
भारत को दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने जाने के बाद तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारत हमेशा से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ ”कतई बर्दाश्त” नहीं करने की नीति की वकालत करता रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा, ”परिषद में हमारे कार्यकाल के दौरान आतंकवाद स्वाभाविक रूप से हमारी प्राथमिकताओं में से एक रहने वाला है.”
सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के लिए बुधवार को हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले. भारत के अलावा आयरलैंड, मेक्सिको और नॉर्वे ने भी चुनाव जीता. इन देशों का सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा.
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत आशा करता है कि वह यूएनएससी में अपने दो साल के कार्यकाल का इस्तेमाल “आतंकवाद के खिलाफ पहले से मौजूद और सक्रिय ढांचे तथा बहुपक्षीय प्रणाली को प्रभावी ढंग से मजबूत करने के लिए करेगा, ताकि आतंकवादी संस्थाओं द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग जैसे मुद्दों से निपटा जा सके.
इसके अलावा हमारा जोर आतंकवाद के प्रायोजकों, अंतरराष्ट्रीय संगठित आपराधिक रैकेट और आतंकवादी वित्तपोषण के प्रवाह को रोकने पर भी होगा. उन्होंने कहा, ”दुनिया हमारी चिंता को समझती है. संयुक्त राष्ट्र ने भी 2016 में आंतकवाद रोधी कार्यालय स्थापित कर हमारी चिंताओं को जायज़ ठहराया था.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak