चीन में लगभग 10 कोरोड़ लोगों को ऐसा पीने के पानी की आपूर्ति की गई है जिसमें जहरीले रसायनों के असुरक्षित स्तर हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP ) की रिपोर्ट के अनुसार, सिंघुआ विश्वविद्यालय के एक दल ने प्रति-स्तर और पॉलीफ्लुओरोकॉइल (PFAS) के स्तर का अवलोकन किया है, जिसमें उन्होंने पीने के पानी कीटनाशकों में प्रयुक्त रसायन होने की जानकरी मिली.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 20 प्रतिशत से अधिक चीनी शहरों में पीने के पानी में PFAS की मात्रा अधिक पायी गयी है. चूंकि पीने के पानी में चीन का कोई राष्ट्रीय सुरक्षा मानक नहीं है, इसलिए अध्ययन ने बेंचमार्क के रूप में अमेरिकी राज्य वर्मोंट के नियमों का उपयोग किया गया. SCMP के अनुसार, जिन शहरों के पीने के पानी में PFAS की मात्रा अधिक पायी गयी है उनमें पूर्वी चीन में वूशी, हांगझोऊ और सुजॉय और दक्षिणी प्रांत गुआंगडोंग के फुजोन शामिल हैं.
बता दें कि पॉलीफ्लुओरोकॉइल और पेरफ्लुओरोकेलिक पदार्थ, या PFAS – मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं. पीएफएएस और अन्य उभरते प्रदूषकों जैसे औद्योगिक रसायनों द्वारा जल स्रोतों में प्रदुषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरा बन सकता है. वहीं पूर्वी चीन में PFAS की औसत सांद्रता अन्य देश की तुलना में 2.6 गुना थी.
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अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, दो जहरीले रसायन – PFOA और PFOS – मानव शरीर या पर्यावरण में खत्म नहीं होते हैं और समय के साथ जमा होते रहते हैं. बता दें कि चीन अब PFAS रसायन का सबसे बड़े निर्माताओं और उपभोक्ताओं में से एक है. वहीं चीन के इस अध्ययम से जुड़े वेबर ने कहा कि चीन को समस्या के पैमाने को समझने के लिए पीने के पानी के साथ-साथ भूजल और दूषित स्थलों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है और फिर इससे निपटने की योजना तैयार करनी चाहिए.