तालिबान ने संकल्प जताने के बावजूद लड़कियों की उच्च स्कूली शिक्षा पर रोक लगा दी है जिसपर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लड़कियों को छठी कक्षा से आगे स्कूल जाने से रोकने के तालिबान के फैसले की निंदा संयुक्त राष्ट्र में यूएस की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने की है. उन्होंने कहा है कि यह निर्णय अफगानिस्तान के भविष्य और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इसकी भूमिका को खतरे में डालता है.
थॉमस-ग्रीनफील्ड ने अपने ट्वीटर वॉल पर लिखा कि महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित करने का यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही शर्तों का उल्लंघन करता है. महिलाओं और लड़कियों सहित अपने नागरिकों को शिक्षित करने से तालिबान का इनकार करना अफगानिस्तान के भविष्य को खतरे में डालना है.
This decision to deny education to women and girls reneges a long standing pledge.
The Taliban’s refusal to educate its citizens, including women and girls, jeopardizes Afghanistan’s future and its role in the international community. https://t.co/ljIPdPpZGO
— Ambassador Linda Thomas-Greenfield (@USAmbUN) March 23, 2022
आपको बता दें कि अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने लड़कियों की उच्च स्कूली शिक्षा पर रोक लगाने का फैसला किया है, जिसके तहत छठी कक्षा से ऊपर के स्कूलों में लड़कियों को जाने की अनुमति नहीं रहेगी. हालांकि, पूर्व में तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष संकल्प जताया था कि वे महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों में कटौती नहीं करेंगे. तालिबान के एक अधिकारी ने इस कदम की पुष्टि की है.
अफगानिस्तान में नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले तालिबान द्वारा ये फैसला लिया गया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबानी नेताओं से जल्द ही स्कूल खोलने और महिलाओं को उनके सार्वजनिक अधिकारों से वंचित नहीं करने का आग्रह करता रहा है. इस सप्ताह की शुरुआत में मंत्रालय द्वारा जारी बयान में ”सभी छात्रों” से स्कूल आने का अनुरोध किया गया था.
तालिबान नीत प्रशासन में बाह्य संबंध अधिकारी वहीदुल्लाह हाशमी ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि लड़कियों के उच्च शिक्षा वाले स्कूलों में आने पर रोक संबंधी फैसला मंगलवार रात को सामने आया. हाशमी ने कहा कि लड़कियों के लिए स्कूल बंद रहने संबंधी फैसले की जानकारी तालिबान नेतृत्व द्वारा हमे देर रात दी गई। हम यह नहीं कहते कि स्कूल हमेशा के लिए बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि नेतृत्व ने यह फैसला नहीं किया है कि लड़कियों को कब और किस तरह से दोबारा स्कूल जाने की अनुमति दी जाएगी.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar